पंजाब में पानी के मुद्दे को लेकर मामला गरमाया हुआ है जिसे लेककर आज मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में ऑल पार्टी की बैठक हुई। इस बैठक में सभी दलों के राजनीतिक प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि बैठक के दौरान प्रत्येक पक्ष ने पानी के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों ने अपनी सहमति व्यक्त की और कहा कि वह पंजाब के पानी को लेकर धक्केशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस अवसर पर सभी नेता राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के साथ खड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि पंजाब की लाइफलाइन पानी बारे है। उन्होंने सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे पर सोमवार को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है और राज्यपाल ने इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान पंजाब के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे भी सुझाव आए हैं कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि पानी का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाई घन्हैया जी के वारिस हैं और सभी को पानी को पिलाने वाले हैं लेकिन उनके पास अतिरिक्त देने के लिए पानी की एक बूंद भी नहीं है। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाबी धक्का बर्दाश्त नहीं करते, चाहे प्यार से कुछ भी ले लो। जिस तरह से इस मुद्दे को उठाया गया, वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सुनील जाखड़ ने इस मुद्दे को दिल्ली तक ले जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि आज वह सब राजनीति से दूर होकर पंजाब की बेहतरी के लिए एक साथ इकट्ठे हुए हैं और वह हमेशा पंजाब के साथ खड़े हैं।
हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक:
वहीं हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
बता दें कि पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।