दिव्या श्री: हरियाणा की बेटी ने पिता के अधूरे सपने को किया पूरा राष्ट्रीय स्तर पर जीता कांस्य पदक।

अंबाला सिटी: हरियाणा की बेटी दिव्या श्री ने अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा किया है। वह जिस खेल को उनके पिता बचपन में केवल सपने में देखते थे, आज उसी खेल में उनकी बेटी ने कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। छावनी के सदर बाजार स्थित सब्जी मंडी के पास रहने वाली दिव्या श्री न केवल अंबाला का नाम जिला और राज्य स्तर पर रोशन कर रही हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पदक जीतकर खेल और शिक्षा विभाग, साथ ही अपने परिवार का गौरव बढ़ा रही हैं। दिव्या श्री छावनी स्थित लार्ड महावीर स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा हैं। हाल ही में, 13 वर्षीय दिव्या श्री ने 28 और 29 जनवरी को कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय जिम्नास्टिक रिदमिक प्रतियोगिता में 14 वर्ष आयु वर्ग में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य पदक जीता। दिव्या श्री का कहना है कि उनका सपना है कि वह ओलंपिक में पदक जीतकर अपने देश का नाम और भी ऊंचा करें।

पिता घर की आर्थिक तंगी के कारण नहीं खेल पाए, बेटी को आगे बढ़ा रहे।

दिव्या श्री के पिता, पंकज वर्मा ने बताया कि जब दिव्या श्री सिर्फ साढ़े चार साल की थीं, तब उन्हें जिम्नास्टिक के लिए भेजा गया था। बचपन से ही उन्हें खेलों में गहरी रुचि थी। पंकज वर्मा ने साझा किया कि 1982 में वह खुद भी जिम्नास्टिक के खिलाड़ी थे और राज्य स्तर तक पहुंचे थे, लेकिन पारिवारिक आर्थिक कठिनाइयों के कारण वे केवल दो साल ही खेल में सक्रिय रह पाए। अब वह एक सीएससी केंद्र चला रहे हैं। उनके तीन बेटियां हैं और उनका मुख्य उद्देश्य अपनी बेटियों को सशक्त बनाना है।

दिव्या श्री शिक्षा विभाग के तहत साहिल सचदेवा के नेतृत्व में खेलने के लिए पहुंची थीं। सचदेवा ने बताया कि दिव्या श्री पहले भी कई प्रतियोगिताओं में अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं। हाल ही में, जिला शिक्षा सदन में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने भी दिव्या श्री को सम्मानित किया।

दिव्या श्री

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