पंजाब में 155 ब्लॉकों के पुनर्गठन को मंजूरी लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों के हित में

पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग में आज पंजाब के 155 ब्लाकों का पुनर्गठन किया गया है। इससे कई ब्लॉकों का नाम भी बदला है। इससे अब लोगों व पंच सरपंचों को अपने छोटे से छोटे काम करवाने के लिए 15 से 20 किलोमीटर नहीं जाना पड़ेगा। यह जानकारी पंजाब के फाइनेंस मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी। वहीं, उन्होंने उन्होंने हरियाणा व पंजाब के मध्य पानी के मुद्दे पर भी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया कि बीबीएमबी व नहरों की देखभाल के पेंडिंग 113 करोड़ रुपए के बिल हरियाणा को भेजे है। यह पिछले माफी समय से पेंडिंग थी। हरियाणा लंबे समय से पानी भी प्रयोग कर रहा था। साथ ही हमारे पैसे भी नहीं दे रहा था।

इस फैसले से विकास को मिलेगी रफ्तार

चीमा ने कहा कि हमने कोई नया ब्लॉक नहीं बनाया है। कई ब्लॉकों का नाम अब जरूर बदलेगा। ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के अंदर ब्लाक तर्कसंगत नहीं थे। इस वजह से सरकार को काम करने में दिक्कत आ रही थी। इस वजह से प्लानिंग नहीं बन पाती थी । 154 ब्लॉकों की री-स्ट्रक्चरिंग की गई है। कईयों के नाम बदले गए हैं। इससे पंचायत विभाग के काम में सुधार हुआ है। प्रशासन के साथ मिलकर वे अच्छे से काम कर पाएंगे। पंच और सरपंचों को अपने नजदीकी अधिकारियों से मिल गया है।

लैंड पूलिंग किसानों के हितों को रखकर बनाई

लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई थी। उसमें संशोधन भी किया गया है। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि सांसद कंग ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट डाल दी, लेकिन बाद में हटा ली थी। इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी में उनकी आवाज पहुंच गई। वहीं, अमृतपाल के टिंडर अकाउंट संबंधी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह गंभीर केस है। इस मामले की पड़ताल होनी चाहिए।

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