पंजाब में 15 मई से धान की सीधी बुआई शुरू हो जाएगी। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी। सरकार ने टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहित करने और भूजल को बचाने के लिए इस खरीफ सीजन के दौरान 5 लाख एकड़ रकबे को धान की सीधी बुआई (डीएसआर) के अधीन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। खुड्डियां ने बताया कि सरकार धान की सीधी बुआई तकनीक
अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1500 रुपये वित्तीय सहायता भी दे रही है।
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। किसान 10 मई से 30 जून तक ऑनलाइन पोर्टल agrimachinerypb.com पर डीएसआर स्कीम के लिए रजिस्टर कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि बासमती उत्पादक भी डीएसआर तकनीक अपनाने और इस सीजन से प्रति एकड़ 1500 रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं। राज्य सरकार ने खरीफ सीजन वर्ष 2024 के दौरान पानी बचाने वाली डीएसआर तकनीक अपनाने वाले 21,338 किसानों को 29.02 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की था। वर्ष 2024 में 2.53 लाख एकड़ रकबे में धान की सीधी बुआई की गई, जो कि वर्ष 2023 में 1.72 लाख एकड़ के मुकाबले 47 प्रतिशत अधिक थी। बासमती सहित धान की सीधी बुआई के अधीन खेतों का सत्यापन 1 से 15 जुलाई 2025 तक किया जाएगा। धान की सीधी बुआई तकनीक के बारे में मंत्री खुड्डियां ने बताया कि यह विधि पारंपरिक धान की काश्त के मुकाबले अधिक लाभकारी है, जिससे 15-20 प्रतिशत पानी की बचत होती है और यह कदम पंजाब के भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए अहम है और इसके साथ ही मजदूरी लागत लगभग 3500 रुपये प्रति एकड़ घटेगी।