पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को एक यात्री ट्रेन को हाईजैक कर लिया। BLA का दावा है कि उसके सैनिकों ने जाफर एक्सप्रेस पर हमला कर उसे कब्जे में लिया और 120 यात्रियों को बंधक बना लिया। पाकिस्तानी समाचार पत्र द डॉन ने बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद के हवाले से यह जानकारी दी है। शाहिद ने बताया, “क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर पेहरो कुनरी और गदलार के बीच भारी गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिसमें 6 सैनिकों की जान चली गई।”
पाकिस्तान सरकार बोली- इमरजेंसी लागू, 4 बयान।
क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन पर पहरो कुनरी और गदालार के बीच भारी गोलाबारी की खबर आई है। इसके बाद इलाके में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई है। ट्रेन में 9 कोच थे, जिनमें 500 यात्री सवार थे। हथियारबंद लोगों ने ट्रेन को टनल नंबर-8 में रोक लिया। सरकार यात्रियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

सरकार ने यह भी बताया कि अधिकारियों को मौके पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि यह इलाका पहाड़ी और पथरीला है।
क्वेटा के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति लागू कर दी गई है और सभी डॉक्टरों, विशेषज्ञों, कंसल्टेंट्स और नर्सों को अस्पतालों में बुलाया गया है।
BLA ने जारी किया बयान, कहा- पटरियां उड़ा दीं।
BLA ने एक बयान में कहा कि उनके लड़ाकों ने माशकाफ, धादर और बोलान क्षेत्रों में इस ऑपरेशन की योजना बनाई थी। रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया गया, जिसके कारण जाफर एक्सप्रेस रुक गई। इसके बाद उनके लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया।
BLA ने कहा कि बंधकों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (ATF) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट्स शामिल हैं, जो पंजाब जा रहे थे। अगर किसी भी प्रकार का सैन्य हस्तक्षेप हुआ, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।

BLA ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को छोड़ दिया है, और सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कर्मियों को बंधक बनाया गया है। इस ऑपरेशन का नेतृत्व BLA की फिदायीन यूनिट और मजीद ब्रिगेड कर रही है, जिन्हें फतेह स्क्वाड, STOS और जिराब इंटेलिजेंस विंग का समर्थन प्राप्त है।
BLA ने चेतावनी दी कि अगर उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की गई, तो वे सभी बंधकों को मार देंगे, और इस हत्याकांड की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की होगी।
नवंबर में क्वेटा स्टेशन पर ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए।
14 नवंबर को क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी।
इससे पहले, 25 और 26 अगस्त 2024 की रात, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने कोलपुर और माच के बीच एक पुल को उड़ा दिया था, जिसके बाद ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई थीं। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सेवाएं फिर से बहाल हो गईं।
16 फरवरी 2023 को भी जाफर एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी। यह ब्लास्ट तब हुआ था जब ट्रेन चिचावतनी रेलवे स्टेशन को पार कर रही थी, और इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली थी।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है।
बलूचिस्तान में कई लोग मानते हैं कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद वे एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी सहमति के उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया था। यही वजह है कि बलूचिस्तान में आज भी सेना और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष जारी है।
BBC के अनुसार, बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग करने वाले कई संगठन हैं, लेकिन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे प्रभावशाली संगठन है। यह संगठन 1970 के दशक में अस्तित्व में आया था, और 21वीं सदी में इसका प्रभाव और बढ़ा है।
BLA बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से स्वतंत्र करना चाहता है, और उनका मानना है कि बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर उनका अधिकार है। पाकिस्तान सरकार ने 2007 में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर।
सिडनी स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी किए गए वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) रिपोर्ट 2025 में पाकिस्तान को दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बताया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान क्षेत्र आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, और देशभर में हुई कुल आतंकवादी घटनाओं में से 90% इन क्षेत्रों में हुईं।
रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस समूह ने 482 हमले किए, जिनमें 558 मौतें हुईं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।