पंजाब में आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की न्यायिक हिरासत आज समाप्त हो गई है, जिसके चलते उन्हें मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मजीठिया की न्यायिक हिरासत 2 अगस्त तक बढ़ा दी है। वहीं, दूसरी तरफ बिक्रम मजीठिया के खिलाफ एसआईटी और विजिलेंस विभाग की संयुक्त कार्रवाई में शुक्रवार को चंडीगढ़-दिल्ली स्थित उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली स्थित सैनिक फॉर्म में भी विजिलेंस की टीम ने रेड डाली है। जिसे मजीठिया की कथित बेनामी संपत्ति बताया जा रहा है। इसकी अनुमानित कीमत 150 से 200 करोड़ रुपये आंकी गई है। रेड के दौरान तकनीकी टीम भी सबूत इकट्ठा करने में जुटी रही। मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी शेल कंपनियों की भी जांच हो रही है, जिनके जरिए कथित रूप से ड्रग्स मनी को घुमाया गया। कार्रवाई गवाहों के बयानों पर आधारित है।
इसके साथ-साथ मजीठिया को लेकर पुलिस का काफिला कोर्ट पहुंचा, वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेताओं द्वारा संभावित प्रदर्शन की आशंका के चलते प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मोहाली के जिला अकाली प्रधान परविंदर सिंह सोहाणा समेत कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है।
बता दें कि मजीठिया को 26 जून को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था और 6 जुलाई से वे न्यू नाभा जेल में न्यायिक हिरासत में थे। इस दौरान विजिलेंस टीमों ने दो बार अमृतसर और मजीठा स्थित उनके आवास और कार्यालय पर छापेमारी की है। आज की सुनवाई में इन छापों के दौरान मिली रिकवरी की जानकारी कोर्ट में दी जा सकती है।
पिछले 14 दिनों में मोहाली कोर्ट में दो आवेदन दिए
पहला आवेदन है- जेल में उनका बैरक (कैदियों का कमरा) बदला जाए। उनके वकीलों ने कहा है कि वे विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं, इसलिए जेल नियमों (जेल मैनुअल) के अनुसार उन्हें ऑरेंज कैटेगरी की विशेष सुविधाएं दी जानी चाहिए और उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कोर्ट से मांग की है कि गिरफ्तारी के कारण (ग्राउंड ऑफ अरेस्ट) और जेल मैनुअल की कॉपी दी जाए।
दूसरा आवेदन है- बेल (जमानत) की अपील। इस मामले में पंजाब सरकार को नोटिस भेजा गया है और इस पर सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
एक नजर में पढ़े मजीठिया से जुड़ा पूरा मामला..
- 25 जून: मोहाली विजिलेंस ब्यूरो मुख्यालय में बिक्रम सिंह मजीठिया पर आय से अधिक केस दर्ज करने के बाद अमृतसर स्थित घर से अरेस्ट किया गया।
- 26 जून: विजिलेंस ने मजीठिया को अदालत में पेश किया, अदालत ने 7 दिन के रिमांड पर भेजा।
- 27 जून: पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने विजिलेंस को अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवाई। क्योंकि 2021 में जब मजीठिया पर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था, तो वह डीजीपी पद पर थे।
- 28 जून: ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस को अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवाई, उनका कहना है कि उनकी पूछताछ में जगदीश भोला ने मजीठिया का नाम लिया था।
- 29 जून: अकाली दल के पूर्व विधायक बोनी अजनाला और मजीठिया के पूर्व पीए एवं आम आदमी पार्टी के नेता दलबीर गिल ने बयान दर्ज करवाए थे।
- 30 जून: विजिलेंस ब्यूरो की टीम मजीठिया को लेकर शिमला लेकर जांच के लिए गई थी। इसी दिन मोहाली पहुंचकर मनिंदर सिंह उर्फ बिट्टू और जगजीत सिंह चहल ने अपने बयान दर्ज करवाए थे।
- 1 जुलाई: NCB ने बिक्रम सिंह मजीठिया के केस से जुड़ा रिकॉर्ड मांगा।
- 2 जुलाई: 7 दिन का रिमांड खत्म होने पर बिक्रम सिंह मजीठिया को 6 जुलाई तक रिमांड पर भेजा गया।
- 3 जुलाई: बिक्रम सिंह मजीठिया के वकीलों ने उनके रिमांड और गिरफ्तारी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन रिमांड ऑर्डर न आने की वजह से सुनवाई 4 तारीख तक के लिए टल गई।
- 4 जुलाई: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने अगली तारीख 8 जुलाई डाल दी।
- 6 जुलाई: मोहाली अदालत ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 19 जुलाई तक न्यू नाभा जेल भेज दिया था।
- 8 जुलाई: बिक्रम सिंह मजीठिया मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई डाल दी।
- 11 जुलाई: मजीठिया के वकीलों ने जेल में बैरक बदलने की याचिका लगाई थी।