नशा तस्करी से जुड़ी आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर विजिलेंस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह के बाद अब पूर्व विधायक बोनी अजनाला ने भी मजीठिया के खिलाफ आज बयान दर्ज कराए हैं। साथ ही विजिलेंस की टीम मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर के बयान दर्ज करने के लिए अमृतसर रवाना हो चुकी है।
बयान के बाद अजनाला ने कहा “मैंने 2013 में तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को जो पत्र लिखा था, उसी के बारे में आज विजिलेंस को बताया है। मैं अब भी अपने उस स्टैंड पर कायम हूं।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि मजीठिया ने उन्हें एक नशा तस्कर से अपने घर पर मिलवाया था और उसे अपना ‘जिगरी यार’ कहा था। अजनाला ने कहा- “मैं तो 2013, 2014 और 2015 से लगातार सरकार से कह रहा था कि पंजाब को नशे से बचा लो और जांच करवाओ।”
मजीठिया से जुड़ी जांच को लेकर मीडिया के सामने 4 प्रमुख बातें कही
- 2013 में बादल को लिखा था पत्र, इंसाफ की मांग की थी: अजनाला ने बताया कि उन्होंने 14-11-2013 को तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को पत्र लिखा था, जिसमें बिट्टू औलख को अमृतसर से उठाकर राजपुरा लाने और वहां की प्लानिंग के बारे में विस्तार से बताया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने तत्कालीन डीजीपी सुरेश अरोड़ा से भी मुलाकात की थी। सीएम ने जांच के आदेश भी दिए थे, लेकिन आज तक इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने CBI कोर्ट का धन्यवाद किया जिसने उनके “भाई” को बरी किया।
2. मैंने तब बोला जब सब चुप थे, अब सब बोल रहे हैं: अजनाला बोले कि 2013 में जब उन्होंने ड्रग माफिया के खिलाफ आवाज उठाई थी, तब कोई कुछ नहीं कहता था। अब कांग्रेस, अकाली और आम आदमी पार्टी सभी इस पर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पता था कि उनकी टिकट काटी जाएगी, लेकिन उन्होंने डर के बजाय नशे के खिलाफ जंग शुरू की।
3. सत्ता-पिंदी से मजीठिया ने घर पर मिलवाया था: अजनाला का दावा है कि मजीठिया ने उन्हें नशा तस्करी से जुड़े सत्ता और पिंदी नामक ड्रग माफियाओं से अपने घर पर मिलवाया था और उन्हें ‘जिगरी यार’ बताया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह सब 2013 की चिट्ठी में लिखा था और उसी पर आज भी कायम हैं।
4. बनूड़ थाने से रिकॉर्ड चोरी की जिम्मेदारी कौन लेगा?: अजनाला ने सवाल उठाया कि जब चरणजीत सिंह चन्नी सीएम थे और इस मामले में केस दर्ज हुआ था, उसी दौरान बनूड़ थाने से केस से जुड़ा रिकॉर्ड चोरी हो गया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि रिकॉर्ड चोरी कैसे हुआ और छह हजार करोड़ की ड्रग मनी का क्या हुआ? उन्होंने न्याय व्यवस्था और ईश्वर पर भरोसा जताते हुए कहा कि अगर 44वीं जीमनी (FIR) की सही जांच होती, तो यह मामला अब तक खत्म हो चुका होता।
अजनाला ने दोहराया कि वह आज भी 2013 के अपने बयान और चेतावनी पर डटे हुए हैं और जब भी बुलाया गया, वह जांच एजेंसियों का सहयोग करते रहेंगे।
मजीठिया के खिलाफ और केस दर्ज करने की तैयारी
इस बीच मजीठिया के खिलाफ एक नया केस दर्ज करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। जांच टीम ने आरोप लगाया है कि मजीठिया ने अधिकारियों को धमकाया, धक्कामुक्की की, सबूत मिटाने की साजिश रची, और अपने समर्थकों को हमले के लिए उकसाया
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम को जानकारी थी कि मजीठिया के एक घर में केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद हैं। लेकिन जानबूझकर तलाशी रोकने के लिए भीड़ को भड़काया गया और टीम पर हमला करवाया गया।
अब इन आरोपों के आधार पर मजीठिया के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
अमृतसर से मजीठिया को किया था गिरफ्तार
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 2021 में दर्ज एनडीपीएस मामले से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के केस में 25 जून को सुबह 11:30 बजे गिरफ्तार किया। मजीठिया के वकीलों का दावा है कि 24 जून की रात साढ़े 10 बजे रिपोर्ट विजिलेंस को सौंपी गई थी, जबकि अगले दिन सुबह साढ़े 4 बजे मजीठिया को केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं, गुरुवार को मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सरकारी वकीलों ने 12 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने 7 दिन का रिमांड दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
हालांकि मजीठिया के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर का कहना है कि मजीठिया सरकार के खिलाफ बोलते हैं, इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार कुछ कहती है, जबकि जिला अदालत में कुछ और दलील दे रही है। वहीं, उनका कहना है कि जिन कंपनियों का विजिलेंस दावे कर रही है। वह सारी कंपनियां भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है।
30 मोबाइल और काफी सामान बरामद
जब विजिलेंस ने मजीठिया को अरेस्ट किया तो उस समय मजीठिया से जुड़ी 26 जगह पर दबिश दी गई। इस दौरान मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं, विजिलेंस ने कहा कि मजीठिया ने अवैध तरीके से 540 करोड़ की संपत्ति बनाई है।
मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जमा है। संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। कंपनी के वित्तीय विवरणों में बिना किसी सूचना और स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा किया गया।