बारिश ने फिर बिगाड़ा रसोई का बजट, लहसुन – अदरक के साथ हरी सब्जियों में हुआ भारी उछाल

मध्यप्रदेश सहित देशभर में बारिश शुरू होते ही सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे है। आवक कम होती ही मंडियों में सब्जियों के साथ साथ लहसुन – अदरक के दामों में भी भारी उछाल हुआ है। जिसकी वजह से आम इंसानों के लिए सब्जियों का सवाद चखना अब मुश्किल होता जा रहा है। बता दें कि वर्त्तमान में सब्जियों के दामों में 10 रूपए से लेकर 20 रूपए की बढ़ोतरी हुई है। जिसकी वजह से मंडी में बिकने वाला टमाटर 30 रुपया की जगह 40 रूपए हो गया है। तो वही भिंडी अब 30 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो बिक रही है।

 

अदरक 45 रुपये प्रति किलो बिक रहा

 

इसके साथ ही करेला 45 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है, जिससे यह आम आदमी की थाली से दूर होता जा रहा है। इसके साथ ही अगर लहसुन और अदरक की बात करे तो लहसुन के दाम में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह अब 110 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहा है। तो वही अदरक 45 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। साथ ही आगामी दिनों में  धनिया के दामों में भी उछाल देखने को मिलेगा।

 

अगले हफ्ते तक बाजार में सब्जियों और होंगी मंहगी 

 

थोक कारोबारियों का अनुमान है कि अगले हफ्ते तक बाजार में सब्जियों की कीमतें और बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में जबलपुर में टमाटर की अधिकांश आवक कर्नाटक से हो रही है। थोक बाजार में 24 रुपये से 26 रुपये प्रति किलो खुलने के बावजूद, फुटकर बाजार में पहुंचते-पहुंचते टमाटर 35 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहा है।

 

देश की दूसरी मंडियों में आलू के थोक भाव

  • दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू 30-40 रुपये
  • भोपाल में आलू 40 रुपये
  • प्रयागराज में 25-30 रुपये

टमाटर के थोक भाव

  • दिल्ली की आजादपुर मंडी में 30-40 रुपये
  • भोपाल में 80 रुपये
  • प्रयागराज में 40-50 रुपये
  • कोलकाता में 80-100 रुपये

प्याज के थोक भाव

  • दिल्ली की आजादपुर मंडी में 50-60 रुपये
  • भोपाल में 50 रुपये
  • प्रयागराज में 20-30 रुपये

अन्य हरी सब्जियों के भाव

दूसरी हरी सब्जियों में दिल्ली और भोपाल में भिंडी 60 रुपये, दिल्ली में हरी मिर्च 40 रुपये और भोपाल में 60 रुपये दिल्ली में धनिया 300 रुपये और बरेली में भी 300 रुपये किलो बिक रही हैं.

 

क्यों महंगी हुईं सब्जियां

मानसून की पहली बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे कीमतें ऊंची हो गईं. बारिश की वजह से देश के राज्यों से सब्जियों की आवक कम हो गई और स्थानीय फसलों को काफी नुकसान हुआ. इसके साथ ही, सप्लाई चेन भी पूरी तरह से ठप गया, जिसके चलते सब्जियों की कीमतों में उछाल आ गई.

 

कब सस्ती होंगी सब्जियां

सरकार का कहना है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र से नई फसल (अगस्त 2025) आने पर टमाटर और प्याज के दाम 50-60 रुपये तक गिर सकते हैं. आलू के दाम स्थिर रहने की संभावना है. क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली की लागत जुलाई 2024 में 11% बढ़ी, जिसमें आलू, टमाटर और प्याज की कीमतें मुख्य कारक रहीं.

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