पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ऐलान किया है कि राज्यभर में सार्वजनिक स्थानों, रेड लाइट पॉइंट्स, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मल्टीप्लेक्स, बाजारों और अन्य स्थलों पर भीख मांगने वाले बच्चों का DNA टेस्ट कराया जाएगा। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश के सभी DC को आदेश जारी करके प्रोजेक्ट जीवनज्योत को लागू करने के लिए कहा गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि भीख मांगने वाले बच्चों का DNA टेस्ट करवाकर न केवल उन्हें जीवन में मुख्य धारा से जोड़ने का सरकार प्रयास कर रही है, बल्कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए यह कदम उठा रही है।
क्या है जीवनज्योत प्रोजेक्ट?
बता दें कि जीवनज्योत प्रोजेक्ट समाज कल्याण के लिए सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों का भला करना है। विशेष रूप से बच्चों को भीख मांगने की स्थिति से बचाना और उनका पुनर्वास करना है। उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके उनका विकास सुनिश्चित करना है। प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू किया गया है। जुलाई 2024 से अप्रैल 2025 तक प्रोजेक्ट के तहत 268 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया। 19 बच्चे माता-पिता से वंचित थे तो उन्हें सरकारी संस्थानों में रखा गया। उनकी मुफ्त शिक्षा का इंतजाम करके उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रोजेक्ट के तहत बाल कल्याण समितियों के सहयोग से बच्चों को उनके परिवारों तक पहुंचाया जाता है।
मंत्री खुद लीड कर रहीं प्रोजेक्ट
सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग की मंत्री डॉ. बलजीत कौर खुद इस प्रोजेक्ट को लीड कर रही हैं। अब उन्होंने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए उन बच्चों का DNA टेस्ट कराने का ऐलान किया है, जिनके मां-बाप नहीं मिले हैं। वहीं अब भीख मांगते हुए मिलने वाले उन सभी बच्चों का DNA टेस्ट कराया जाएगा, जिनके मां-बाप नहीं मिलेंगे। इस प्रोजेक्ट के जरिए पंजाब में भीख मांगने वाले बच्चों को सरकार न केवल बेहतरीन जीवन प्रदान कर रही है, बल्कि बाल भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में अहम योगदान भी दे रहा है।