यूपी में महिलाओं ने भवन निर्माण क्षेत्र में की पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर काम करने की शुरुआत।

उत्तरप्रदेश। झांसी में महिलाएं अब भवन निर्माण के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाते हुए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से पुरुषों का माना जाता था, लेकिन अब महिलाएं इसे चुनौती दे रही हैं और अपनी मेहनत के बल पर घरों का निर्माण कर रही हैं। चाहे गर्मी हो या सर्दी, इन महिलाएं हर मौसम में अपने हौसले से ऊंची उड़ान भरने में कामयाब हो रही हैं।

पति की लाचारी के बाद पत्नी ने संभाला परिवार

रक्सा निवासी अशोक अहिरवार, जो एक राजमिस्त्री हैं, पांच साल पहले एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और दोनों पैर टूटने के कारण वह काम करने में असमर्थ हो गए। अचानक परिवार की स्थिति बिगड़ गई, लेकिन उनकी पत्नी पिंकी ने हालात को संभाला। पिंकी ने मेहनत-मजदूरी शुरू की और भवन निर्माण के कार्य की बारीकियां सीखने लगीं। कुछ ही समय बाद, पिंकी ने राजमिस्त्री के रूप में काम करना शुरू किया और अब वह भवन निर्माण के ठेके भी लेने लगी हैं।

हालांकि, पिंकी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन वह अपने बच्चों कृष और वर्षा की पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती हैं। पिंकी का मानना है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं, बस उन्हें अपनी झिझक को छोड़कर आगे बढ़ने की जरूरत है।

हादसे के बाद भी हौसला नहीं टूटा

प्रेमनगर निवासी राजा वंशकार वर्षों से राजमिस्त्री का काम कर रहे थे। उनके लिए अपने परिवार को अच्छे से पालना आर्थिक रूप से मुश्किल हो रहा था। उनकी पत्नी प्रीति ने यह समझा और उनके साथ काम पर जाने लगी। वह मजदूरी करती और साथ में भवन निर्माण के काम की बारीकियां सीखती रही। कुछ समय बाद, प्रीति भी राजमिस्त्री बन गईं और अब दोनों पति-पत्नी मिलकर काम कर रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

प्रीति का बेटा प्रिंस 9वीं कक्षा में और बेटी काजल तीसरी कक्षा में पढ़ाई कर रही है। प्रीति ने बताया कि तीन साल पहले एक हादसे में वह छत से गिर गई थीं और गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उनके पति ने काम पर जाने से मना किया था, लेकिन प्रीति ने अपनी जिद और मेहनत से काम करना जारी रखा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष अभियान

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर, अमर उजाला द्वारा विशेष अभियान ‘तुमसे है उजाला’ शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य उन महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियां साझा करना है, जो अपने संघर्ष, हौसले और जुनून से अपने परिवार, समाज या समुदाय में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इन महिलाओं को सम्मानित भी किया जाएगा। इस अभियान में हिस्सा लेने का आज आखिरी दिन है, तो अगर आप भी किसी प्रेरणादायक महिला को जानते हैं, तो अपनी कहानी भेजें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *