गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भीमराव आंबेडकर ने अभाव अपमान में अपना रास्ता बनाकर सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए सम्मान दिलाया। विपक्ष के लोग एक्पोज न हो इसके लिए जाति के नाम पर फिर से लड़ाना चाहते हैं। इसके लिए महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत ने संविधान निर्माण के साथ ही 1952 में अनुसूचित जाति जनजाति अति पिछड़ी जाति और महिलाओं को मत देने का अधिकार दिया। यह बाबा साहेब के कारण ही हो पाया। सीएम डॉ. भीमराव आंबेडकर सम्मान अभियान के तहत आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इससे बाबा साहेब परेशान हुए। कांग्रेस उनको संविधान सभा में नहीं भेजना चाहती थी। लेकिन उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें शामिल किया गया और ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष बने। लेकिन बाबा साहेब ने ऐसा संविधान दिया जो भारत को दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित करता है।
समाजवादी पार्टी ने अपने गठन के बाद षडयंत्र किए जिसके कारण समाज में अराजकता पैदा हो। कांग्रेस ने तो 1952 के पहले आम चुनाव में बाबा साहेब को हरवाया था। उनके 78 हजार वोट को रद्द करवा दिया। 1954 के उपचुनाव में कांग्रेस ने बाबा साहेब के निजी सचिव को तोड़कर चुनाव लड़वा दिया। इसमें भी वह हार गए।
बाबा साहेब के नाम पर भाषण देने वाले अनेक आएंगे लेकिन उनके आदर्शों पर चलने वाली केवल भाजपा है। उन्होंने कहा था अपने अनुयायियों से की शिक्षित बनो, अन्याय के खिलाफ संगठित रहो। हैदराबाद में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा था लेकिन बाबा साहेब ने पत्र लिख कहा था कि निजाम के सामने झुकना नहीं, किसी भी हाल में इस्लाम को न स्वीकारना।
कुशीनगर में मुसहर जाति के लोग भूख से मरते थे, कोई ध्यान नहीं देता था। पीएम स्वामित्व योजना में यूपी में एक करोड़ लोगों को जमीन के पट्टे आवंटित कर दिए। ये काम सपा, बसपा और कांग्रेस ने क्यों नहीं किया। संसद के तौर पर जब कुशीनगर में मुसहर जाति के लोगों के पास गया तब पता चला कि उनके राशन कार्ड सपा के पदाधिकारियों के पास थे।
ये लोग केवल वोट बैंक के रूप में अनुसूचित जाति को इस्तेमाल करना चाहते हैं। इन्होंने चार बार के शासन के गरीबों को मकान और राशन तक नहीं दिलवाया। अनुसूचित जाति को छात्रवृत्ति रोक दी। ये कार्य करते थे कि विकास हो लेकिन मेरा हो परिवार का हो। परिवार के आगे नहीं निकल पाए। मोदी सबको साथ लेकर चलते हैं। आज ये लोग एक्पोज न हो इसके लिए जाति के नाम पर फिर से लड़ना चाहते है। इसके लिए महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
महर्षि वाल्मीकि की जन्मस्थली लालापुर का विकास सपा ने रोक दिया। इंडी गठबंधन के तहत आने वाले दल गुमराह कर रहे थे। ये जातीय संघर्ष करवाना चाहते हैं। सपा का एक संसद महाराणा सांगा का अपमान करता है। जिन्ना का महिमामंडन समाजवादी पार्टी कर रही है। सबका साथ सबका विकास अभियान को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती। समाज को जातिय आधार पर बांटने नहीं देना है। आत्मनिर्भर और विकसित भारत में ही हर जाति और समुदाय का हित है।