हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गुरुवार को समग्र शिक्षा निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में 67 शिक्षकों को सिंगापुर के शैक्षिक भ्रमण पर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए उनके पासपोर्ट भी सौंपे। इस यात्रा में जेबीटी, सीएंडवी और टीजीटी वर्ग के शिक्षक शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग राज्य का सबसे बड़ा विभाग है और शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया अत्यंत कड़ी थी। सरकार ने इस दौरे के लिए पूरी तरह से पारदर्शी और मेरिट-आधारित चयन प्रक्रिया अपनाई, जिसके कारण प्रदेश के सबसे योग्य शिक्षकों को यह अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक्सपोजर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सिंगापुर की प्रगति से सीखें और वहां की शैक्षिक तकनीकों को अपने विद्यालयों में लागू करें। उन्होंने कहा कि इस शैक्षिक भ्रमण से प्रदेश के शिक्षा स्तर में सुधार की संभावना है।
इसके अलावा, शिक्षा मंत्री ने हाल ही में जारी असर रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश की उत्कृष्टता का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य ने केरल को पछाड़कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने यह सफलता सामूहिक मेहनत का परिणाम बताया और कहा कि परख सर्वेक्षण में भी हिमाचल प्रदेश अच्छे परिणाम की उम्मीद करता है।
छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजने का ऐतिहासिक कदम
यह बयान शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए एक महत्वपूर्ण संदेश को दर्शाता है, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगुवाई में शिक्षा सुधार के लिए उठाए गए कदमों की बात की गई है। कंबोडिया और सिंगापुर के शैक्षणिक भ्रमण पर बच्चों को भेजने का निर्णय एक ऐतिहासिक पहल है, विशेष रूप से ग्रामीण स्कूलों के छात्रों के लिए। इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा पद्धतियों को समझने का अवसर मिलता है, जो उनकी सोच और दृष्टिकोण को विस्तार देने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा, यह भी उल्लेख किया गया है कि शैक्षणिक भ्रमण के लिए बेस्ट परफॉर्मर शिक्षकों का चयन किया गया है, जिससे यह साफ होता है कि शिक्षक इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल होंगे और इस यात्रा के बाद, वे अपने अनुभवों को साझा करके शिक्षा के स्तर में सुधार लाने की दिशा में काम करेंगे।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने सिंगापुर शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और इस यात्रा को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के शिक्षकों को विदेश भेजने की शुरुआत पिछले साल की गई थी और यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत, शिक्षकों को विदेश में शैक्षणिक भ्रमण के लिए चुना जाता है, और इस बार भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सिंगापुर के भ्रमण के लिए चुना गया है।
राजेश शर्मा ने यह भी बताया कि शिक्षा मंत्री इस पहल में गहरी रुचि रखते हैं और हाल ही में कंबोडिया और सिंगापुर के दौरे के दौरान उन्होंने इन शिक्षकों को रवाना करने के लिए समय निकाला। यह भ्रमण सिंगापुर की प्रतिष्ठित प्रिंसिपल्स एकेडमी द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जो वहां की सारी व्यवस्था देखेगी।
शैक्षणिक भ्रमण की रिपोर्ट तैयार करेंगे शिक्षक
इस दौरे से लौटने के बाद शिक्षक एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसमें वे अपनी सीखी गई बातों को साझा करेंगे। इस रिपोर्ट की समीक्षा शिक्षा सचिव की ओर से की जाएगी और इसे शिक्षा मंत्री के साथ साझा किया जाएगा। इस अवसर पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और अतिरिक्त प्रारंभिक शिक्षा निदेशक बीआर शर्मा ने शिक्षकों को संबोधित किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक उच्च शिक्षा संजीव सूद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।