शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस पर आज (31 जुलाई) को संगरूर जिले के सुनाम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सीएम भगवंत मान और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल प्रोग्राम मुख्य मेहमान के रूप में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भवानीगढ़–सुनाम रोड का नाम शहीद उधम सिंह मार्ग रखा है।
इसके अलावा उन्होंने 85 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया है। इस मौके केजरीवाल ने बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम न लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब पंजाब में नशा खत्म होने लगा। जो परिवार नशे बर्बाद हो गए थे, उनके अंदर एक उम्मीद जगी है।
बच्चे काम पर जाने लगे हैं। बड़े बड़े तस्कर पकड़े गए हैं। सबसे बड़े वाला पकड़ा भी गया है। जेल के अंदर है। जिसके नाम से लोग कांपते थे, तस्कर भी कांपते थे, पुलिस- प्रशासन और अफसर भी कांपते थे। आम आदमी पार्टी उसके नाम से नहीं कांपती है। हमने उसे पकड़ पकड़कर जेल में डाल दिया। वहीं, उन्होंने कहा इस समय सितंबर से 20 हजार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों को सुधारने का काम शुरू हाे जाएगा। खजाने में कोई कमी नहीं है।
अरविंद केजरीवाल के स्पीच के मुख्य तीन प्वाइंट इस प्रकार हैं –
शहीद सोचते होंगे, इसलिए शहादत दी शहीद उधम सिंह ने देश के लिए कितनी बड़ी शहादत दी। उन्होंने जलियांवाला हत्याकांड का बदला लिया। उन्होंने देश के कई शहीदों का नाम लेकर कहा कि न जाने कितने लोगों ने देश के लिए कुर्बानियां दीं। उस समय उनका एक सपना था कि देश आजाद होगा, और पूरे देश में लोगों को उनके अधिकार मिलने शुरू होंगे। लेकिन आज 75 साल हो गए हैं। उनकी आत्मा ऊपर से देखती होगी कि क्या इसके लिए हमने कुर्बानियां दी थीं?
पुरानी सरकारों ने सब बर्बाद कर दिया
केजरीवाल ने कहा कि ऊपर वाले का शुक्रिया है कि 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। लेकिन पहले की सरकारों ने जिस तरह घर-घर में नशा बांटा, स्कूलों और अस्पतालों को बर्बाद कर दिया, भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैला दिया, सारा पैसा लूटकर खा गए। भगवान न करे कि बीजेपी, अकाली दल और कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएं। बड़ी मुश्किल से पिछले तीन सालों में हालात सुधरने लगे हैं।
सारे स्कूल कबाड़ कर दिए थे
पहले सरकारी स्कूल इतने कबाड़ हो गए थे। हमने शिक्षा क्रांति के जरिए स्कूलों को बदला है। अब सरकारी स्कूलों से पढ़कर गरीबों के बच्चे आईआईटी तक पहुंच रहे हैं। पहले किसानों को रात 3 बजे मोटर चलाने के लिए बिजली मिलती थी, अब दिन में बिजली उपलब्ध है।
सीएम भगवंत मान की स्पीच के मुख्य प्वाइंट इस प्रकार हैं –
श्रद्धांजलि देना अहसान नहीं हमारा फर्ज है पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि शहीदों को श्रद्धांजलि देना कोई अहसान नहीं है, यह हमारा फर्ज है। आज उस फर्ज को हम निभा रहे हैं। “शहीदों की चिताओं पर हर बरस चढ़ेंगे फूल, वतन पर मिटने वालों का यही निशान होगा।”
हम जानते हैं कि कैसे उधम सिंह जलियांवाला बाग के बदले के लिए निकल पड़े थे। 21 साल तक उन्होंने अपने अंदर देश के लिए आग जलाए रखी। इसी कारण आज हम यहां माथा टेकने आते हैं। उन्हें कई मौके मिले जहां वे सर माइकल ओ डायर को मार सकते थे, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं तो एक मंच पर जाकर ही मारूंगा।
जैसे ही माइकल ओ डायर ने कहा कि “मैंने क्रांति को दबा दिया है”, उसी वक्त उधम सिंह ने किताब में छिपाई गई बंदूक से गोली चलाकर उसे मार दिया। उन्होंने कभी किसी से माफी नहीं मांगी थी। हम लकी (सौभाग्यशाली) हैं कि हमें यहां पढ़ने का मौका मिला। नानके यहां हैं, और शहर सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। परमात्मा का धन्यवाद करते हैं कि उसने हमें शहीदों की धरती पर पैदा किया
सर की उपाधि लेने वालों का होनहार नाभा जेल में
सर” की उपाधि अंग्रेज अपने पिठुओं को दिया करते थे। हमारे यहां भी कुछ लोग ऐसे “सर” हैं, जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड वाले दिन जनरल डायर को अपने घर बुलाकर खाना खिलाया था। इसके बदले में उन्हें जागीरें दी गईं। आज उन्हीं का एक होनहार वंशज नाभा जेल में बैठा है। पहले यही लोग गोलियां चलवाने वालों को सम्मानित करते थे और आज वहीa लोग नौजवानों को नशे की गोलियां खिला रहे हैं।
आजादी अभी महलों वालों के पास बैठी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी अभी आम लोगों तक नहीं पहुंची है। आम आदमी पार्टी इसे हर घर तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। मेरा मानना है कि जब तक कचहरियों में बिना रिश्वत के काम नहीं होंगे, जब तक सरकारी स्कूलों से पढ़े हुए बच्चे अफसर नहीं बनेंगे — तब तक असली आज़ादी आम आदमी तक नहीं पहुंचेगी। अभी तक तो आज़ादी सिर्फ महलों वालों के पास बैठी है। कबूतरों को भी याद हो गया होगा भाषण
जब से मैंने होश संभाला है, हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री एक ही भाषण दोहराते हैं — आतंकवाद पर चिंता, गरीबी पर चिंता और महंगाई पर चिंता। जो अफसर उन्हें लिखकर दे देते हैं, वही पढ़कर सुना देते हैं। मैं तो कहता हूं कि अब तो यह भाषण लाल किले के कबूतरों को भी याद हो गया होगा। कम से कम अब तो इन पंक्तियों को बदलिए!
शहीदों के सपनों को सच करने में लगे हैं
जब भी सरकारें गलत कदम उठाती हैं, हम विपक्ष में रहते हुए उसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। जो कौम अपना विरसा (विरासत) भूल जाती है, वह खत्म हो जाती है। हमारा तो इतिहास कुर्बानियों से भरा पड़ा है। पंजाब की धरती इतनी बरकत वाली है कि यहां कोई भूखा नहीं मर सकता। गुरु साहिब ने 20 रुपए से जो लंगर शुरू किया था, वह आज तक चल रहा है।
हम रंगला पंजाब बनाने में जुटे हैं। हर रोज़ एक ब्रश उठाकर उसमें रंग भरते हैं। हमें कोई कैलिफ़ोर्निया नहीं चाहिए, बस अपना पंजाब लौटा दीजिए। मैं रोज़ पंजाबियों के हक़ में कलम चलाता हूं।
पहले सीएम घोषणा करते थे, लेकिन बाद में भूल जाते थे
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि 32 साल पहले मेरे पिता जब इस हलके की अगुआई करते थे, उन्होंने राज्यस्तरीय प्रोग्राम हर साल मनाने की शुरुआत की थी। मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज उस रीत को आगे बढ़ाने का मौका मिला है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
साथ ही शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस पर पूरे पंजाब में छुट्टी की मांग रखी। तो सीएम भगवंत मान और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने तुरंत इस बारे में फैसला लिया। इसके साथ ही रोड का नाम शहीद उधम सिंह के नाम पर किया गया था। उन्होंने बीजेपी से मांग की है कि पटियाला से भवानीगढ़ के नाम पर रखा जाएगा।
हमारी सरकार की तरफ से इस संबंधी प्रपोजल भेज दिया गया है । उन्होंने कहा कि पुरानी पार्टियों के मुख्यमंत्री 10- 20 लाख का नींव पत्थर रख जाते थे। लेकिन बाद में कोई सार नहीं लेता है। लेकिन हमने प्रोजेक्टों की शुरुआत करवा दी है। आने वाले एक साल में प्रोजेक्ट लोगों को समर्पित कर देंगे।
सीएम को बांधी राखी
इस मौके ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों ने सीएम भगवंत, पार्टी सुप्रीम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राखी बांध ही। साथ ही उनके और पंजाब के बढ़िया भविष्य की कामना की है। इस मौके उनके साथ पार्टी प्रभारी मनीष सिसोदिया और प्रधान अमन अरोड़ा थी साथ थे।
सरकार ने पहले दो यह फैसले लिए थे
पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि शहीद उधम सिंह का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है। उनकी इस कुर्बानी का पूरा देश ऋणी है, जिसे कभी चुकाया नहीं जा सकता। ऊधम सिंह का जन्म सुनाम में हुआ था।
ऐसे में कंबोज समाज की यह लंबे समय से मांग थी कि उनके शहादत दिवस पर केवल सुनाम में नहीं, बल्कि पूरे पंजाब में छुट्टी घोषित की जाए, क्योंकि उस दिन पूरे राज्य में कई कैंप और समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस मांग को पूरा कर दिया है। आज छुट्टी घोषित की गई है।