
साल के अंत तक बढ़ सकती हैं रिकॉर्ड कीमतें
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगर हालात बहुत खराब होते हैं तो 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 4,500 डालर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। इसके अलावा, उसका यह भी कहना है कि सामान्य स्थिति में भी सोने की कीमतें 2025 के अंत तक 3,700 डॉलर प्रति औंस तक बढ़ सकती हैं। गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के अंत के लिए सोने के टारगेट में तीसरी बार बदलाव किया है।
पिछले हफ्ते कीमतों में 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कोरोना के बाद सोने का यह सबसे अच्छा साप्ताहिक प्रदर्शन था। इसकी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक शुल्क से वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता है। इससे सोने की कीमतों को सहारा मिल रहा है।
अस्थिरता की चिंता से सोने की तरफ आकर्षित हो रहे निवेशक
बाजार के जानकारों का कहना है कि मंदी का खतरा, बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और वित्तीय अस्थिरता की चिंता निवेशकों को सोने की तरफ आकर्षित कर रही है। बॉन्ड यील्ड का मतलब बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज। जब बॉन्ड यील्ड बढ़ती है तो इसका मतलब है कि निवेशकों को बांड में निवेश करने पर ज्यादा फायदा मिल रहा है।
केंद्रीय बैंक भी बढ़ा रहे सोने की मांग
सिर्फ व्यक्तिगत निवेशक ही नहीं, बल्कि केंद्रीय बैंक भी सोने की मांग बढ़ा रहे हैं। इससे कीमतों को सहारा मिल रहा है। इस साल की पहली तिमाही में गोल्ड आधारित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में 2020 के बाद से सबसे ज्यादा निवेश हुआ है।
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) एक तरह का निवेश है जो सोने में निवेश करता है। केंद्रीय बैंक, खासकर उभरते बाजारों में, डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए वे ज्यादा मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। इसका मतलब है कि जो देश अभी विकास कर रहे हैं, वे डॉलर की जगह सोना रखने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।