उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। उत्तर प्रदेश के सभ 75 जिलों में एक साथ बड़ा अभियाना (Big Campaign) चलाया गया। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ अभियान चलाकर 48 हजार लोगों के विरूद्घ कानूनी कार्यवाही की गई है। किसी एक अभियान में यह अब तक की सबसे बड़ी कानूनी कार्यवाही मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि इस विशेष अभियान को दोबारा भी चलाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के मुखिया योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) प्रदेश में अवैध वाहनों के संचालन से परेशान हैं। यूपी के CM योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ अनधिकृत ई-रिक्शा, ऑटो और अन्य वाहनों के खिलाफ विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। यह अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पूरे एक महीने तक चला। परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने सडक़ों पर उतरकर सघन जांच की। इस एक महीने के अभियान में कुल 48,000 से अधिक वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसमें 3,784 अपंजीकृत ई-रिक्शा के चालान, 11,425 वाहनों की सीजिंग और अन्य नियम उल्लंघन में 32,989 वाहनों के चालान शामिल हैं. एक माह में कुल 36,773 चालान किए गए। अभियान के नोडल अधिकारी अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह ने बताया कि अभियान के तहत सबसे अधिक चालान आगरा, लखनऊ और कानपुर में हुए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के अभियान को मिला जनता का समर्थन
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के इस अभियान को प्रदेश की जनता का भरपूर समर्थन मिला है। प्रवक्ता ने बताया कि इस विशेष अभियान का एक मुख्य उद्देश्य नाबालिग चालकों द्वारा ई-रिक्शा संचालन पर रोक लगाना था. अधिकारियों ने सख्ती से चेकिंग की और जहां भी नाबालिग वाहन चलाते पाए गए, वहां तुरंत कार्रवाई की गई. इससे सडक़ों पर यातायात व्यवस्था बेहतर हुई और सडक़ दुर्घटनाओं में भी कमी दर्ज की गई।
परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अभियान शुरू करने से पहले स्पष्ट निर्देश दिए थे कि यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर जिले में सख्त कार्रवाई हो. अभियान के बाद भी पूरे प्रदेश में मॉनीटरिंग जारी रहेगी और कहीं भी नियमों का उल्लंघन होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यकता पडऩे पर इस विशेष अभियान को दोबारा भी शुरू किया जा सकता है।