पंजाब उपचुनाव नतीजे: लुधियाना पश्चिम सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत

पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने 10 हजार से ज्यादा वोट के अंतर से जीत दर्ज की है। उन्हें कुल 35179 वोट मिले और उन्होंने 10637 वोट के अंतर से यह चुनाव जीता। कांग्रेस के भरत भूषण आसू दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 24542 वोट मिले। बीजेपी के जीवन गुप्ता 20323 वोट के साथ तीसरे और शिरोमणी अकाली दल के एडवोकेट परुपकार सिंह घूमन को 8203 वोट मिले।

 

आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का जनवरी में निधन होने के कारण लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट खाली हुई थी। इस सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में थे। सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा को उपचुनाव में टिकट दिया था और उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने जीत हासिल की है।

कौन हैं संजीव अरोड़ा?

61 साल के संजीव अरोड़ा लुधियाना के उद्योगपति हैं और अपने सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। वह ‘कृष्ण प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट’ चलाते हैं। अरोड़ा 2022 से राज्यसभा के सदस्य हैं। अब वह विधायक बन चुके हैं। ऐसे में उन्हें राज्यसभा सीट छोड़नी होगी। उनके राज्यसभा छोड़ने पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जा सकते हैं। इसके कयास पहले से लगाए जा रहे थे। हालांकि, आप की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। उपचुनाव में दो सीट जीतने पर सौरभ भारद्वाज ने राष्ट्रीय राजनीति में केजरीवाल की वापसी का दावा जरूर किया है।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की हार

कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु को टिकट दिया था। 51 साल के आशु 2012 और 2017 में दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। वह पिछली कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में उन्हें गोगी ने 7,512 मतों के अंतर से हराया था। उपचुनाव में तीसरे नंबर पर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता जीवन गुप्ता भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य हैं। वह पंजाब बीजेपी के महासचिव रह चुके हैं, लेकिन उनका सियासी कद उपचुनाव में काम नहीं आया। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने उपचुनाव के लिए परोपकर सिंह घुम्मन को अपना उम्मीदवार बनाया था। घुम्मन पेशे से वकील हैं और लुधियाना बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है।

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