भारतीय टीम का चौथी इनिंग में SENA कंट्रीज (South Africa, England, New Zealand और Australia) में चेज करते हुए हारने का डर फिर सच साबित हो गया. लॉर्ड्स टेस्ट (Lord’s Test) में शुभमन गिल (Shubman Gill) की अगुवाई वाली टीम को अंतिम दिन 135 रन का टारगेट चेज करना था. हाथ में 6 विकेट भी थे. हालांकि, टीम इंडिया एक बार फिर दबाव को नहीं झेल सकी. नतीजा, टीम ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (Anderson-Tendulkar Trophy) में 2-1 से बढ़त बनाने का स्वर्णिम अवसर गंवा दिया.
पुरानी है ये बीमारी
टीम इंडिया की ये बीमारी नई नहीं है. बुरी बात ये है कि यंग इंडियन टीम भी इसी से ग्रसित दिखी. SENA कंट्री में चौथी इनिंग में चेज करते हुए टीम इंडिया अब तक सिर्फ 11 मुकाबले जीती है. टीम को 37 मैच में हार का सामना करना पड़ा है. टीम इंडिया ने जिन 11 मुकाबलों में जीत दर्ज की है, उनमें से सिर्फ 5 मैचों में टीम इंडिया ने 100 रन से ज्यादा के टारगेट को चेज किया है. टीम का सबसे बड़ा सफल रन चेज 2021 में ब्रिस्बेन के यादगार गाबा टेस्ट में आया था. इस मैच में टीम इंडिया ने 328 रन के टारगेट को सफलतापूर्वक चेज कर लिया था. टीम ने कई बार चौथी इनिंग में चेज करते हुए छोटे टारगेट भी अचीव नहीं किए जिसके कारण टीम इंडिया को सीरीज हारना पड़ गया. 21वीं शताब्दी में टीम इंडिया 9 बार बहुत ही कम अंतर से मुकाबला हारी, जिससे सीरीज पर बड़ा प्रभाव पड़ा.
जडेजा बने इंडिया के लोन वॉरियर
रवींद्र जडेजा की जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है. पूरी सीरीज में भले ही उन्होंने बॉल से कुछ खास नहीं किया हो, लेकिन बैट से उनका योगदान शानदार रहा है. लॉर्ड्स में भी वो जडेजा ही थे जो एक छोर पर खड़े रह गए, दूसरी छोर पर सारे बैटर आउट हो गए. 61 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले जडेजा ने अंत तक उम्मीद जगाए रखा कि हम ये मुकाबला जीत सकते हैं. हालांकि, जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स की शानदार बॉलिंग कर टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर को साफ कर दिया. बुमराह और सिराज ने अंत तक जीत का ज़ज्बा दिखाया, लेकिन 75वें ओवर में सिराज के शानदार डिफेंस के बावजूद बॉल स्टंप पर जा लगी और टीम इंडिया 22 रनों से मुकाबला हार गई.