पंजाब सरकार की आज (22 जुलाई) कैबिनेट मीटिंग में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। सरकार ने तय किया है लैंड पूलिंग के बदले किसानों को प्लॉट का कब्जा देने तक सरकार उनको 1 लाख रुपए देगी। अगर इसमें देरी होती है तो हर साल 10 फीसदी इजाफा किया जाएगा। वहीं, जब तक एरिया विकसित नहीं होता है, तो किसान उस पर खेती कर पाएंगे।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लैंड पूलिंग को लेकर विरोधी दल अफवाहें फैला रहे हैं। किसी तरह की कोई रजिस्ट्री नहीं रोकी गई। हम किसानों से जबरदस्ती जमीन नहीं ले रहे हैं। हमारी कोशिश यही है जमीन का पैसा असली जमीन मालिकों को मिले। उन्होंने बताया कि किसान को मिलने वाले किराये में 5 गुना बढ़ोतरी की गई। योजना में शामिल होने की सहमति पर भी 50 हज़ार का चेक मिलेगा।
सरकार स्कीम को लेकर चुकी है फीडबैक
पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग के मामले को गंभीरता से लिया है। चंडीगढ़ में राज्य के कई पंचों और सरपंचों से मुलाकात की गई है। साथ ही, स्कीम को लेकर फीडबैक लिया गया है। इसके बाद स्कीम में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। इस मामले को लेकर विरोधी पार्टियां सरकार पर हमलावर रही हैं।
कांग्रेस और अकाली दल की तरफ से इस मुद्दे पर बड़ी रैलियां भी की गई हैं। वहीं, सीएम भगवंत मान को अपने प्रोग्राम के बारे में लैंड पूलिंग नीति के संबंध में सफाई देनी पड़ी है। इसे संकट प्रबंधन से ही जोड़ा जा रहा है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती है कि इस मुद्दे पर किसी अन्य दल को राजनीति करने दी जाए।
21 दिनों में लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगा
हालांकि इससे पहले दिन में सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया था कि किसानों की सहमति मिलने के 21 दिनों के भीतर उन्हें “लेटर ऑफ इंटेंट” (Letter of Intent) जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, जब तक विकास कार्य शुरू नहीं होते, किसानों को प्रति एकड़ सालाना ₹50,000 की अग्रिम भुगतान (एडवांस पेमेंट) दी जाएगी। अब ये राशि बढ़ा कर एक लाख रुपए सालाना की गई है।
हालांकि, सीएम ने धूरी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि इस राशि को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। जब तक विकास कार्य शुरू नहीं होते, किसान अपनी जमीन पर खेती कर सकेंगे और उससे होने वाला पूरा मुनाफा भी उन्हीं का होगा