पंजाब में वॉट्सऐप पर मिलेगी मेडिकल रिपोर्ट-प्रिस्क्रिप्शन:CM बोले-पाकिस्तान से आ रहा प्रदूषित पानी

पंजाब में आम आदमी क्लिनिक से इलाज करवाने वाले मरीजों को अब वॉट्सऐप पर ही दवा का समय, अगली विजिट की तारीख और मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी मिल जाएगी।

इस सुविधा की शुरुआत आज मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में की। उन्होंने बताया कि वॉट्सऐप इंटीग्रेशन सिस्टम से मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन और जरूरी हेल्थ डिटेल्स सीधे मोबाइल पर भेजी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकारी अस्पतालों की हालत काफी खराब थी, एक्सरे और MRI मशीनों में कबूतरों ने घोंसले बना लिए थे, लेकिन अब हालात सुधर चुके हैं। आने वाले दो महीनों में 200 नए आम आदमी क्लिनिक खोले जाएंगे और चार नए मेडिकल कॉलेज भी बनाए जाएंगे।

साथ ही 2 अक्टूबर से देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू होगी, जिसके तहत हर परिवार को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।

अब इन 5 स्टेप्स से इलाज की प्रोसेस होगी

1. नए सिस्टम के तहत मरीज को क्लिनिक पहुंचकर वहां तैनात क्लिनिक असिस्टेंट के पास जाना होगा, साथ ही खुद को रजिस्टर करवाना होगा।

2.क्लिनिक से मरीज की जानकारी (पुरानी हिस्ट्री) भी डॉक्टर के पास पहुंचेगी।

3.इसके बाद मरीज को देखकर डॉक्टर आगे की जानकारी फार्मासिस्ट और क्लिनिक असिस्टेंट को भेजेंगे।

4.फार्मासिस्ट मरीज को दवा देगा और क्लिनिक असिस्टेंट लैब टेस्ट करवा देगा।

5.इसके बाद सारी जानकारी मरीज के पास वॉट्सऐप पर जाएगी। इसमें उसकी अगली विजिट, टेस्ट रिपोर्ट और अन्य चीजें शामिल रहेंगी।

चार नए मेडिकल कॉलेज बनाने जा रहे हैं

मुख्यमंत्री मान ने बताया कि राज्य में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कपूरथला, होशियारपुर, संगरूर और नवांशहर में चार नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, जिनमें प्रत्येक में 100-100 सीटें होंगी।

उन्होंने कहा कि एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) से थोड़े फंड को लेकर दिक्कत जरूर है, लेकिन सरकार ने जर्मनी से अत्याधुनिक मेडिकल मशीनें मंगवाई हैं। सीएम मान ने कहा कि पहले लोग कैंसर का इलाज करवाने के लिए राजस्थान जाते थे।

एक ट्रेन का नाम ही कैंसर ट्रेन पड़ गया है। लेकिन अब पंजाब में ही हम सारी सुविधाएं पैदा कर रहे है। जिससे अब यह ट्रेन बंद हो गई है। वहीं, राजस्थान के लोग भी पंजाब में इलाज के लिए आ रहे हैं।

बठिंडा में एम्स जैसा एक बड़ा अस्पताल बन रहा है। उन्होंने कहा कि जब यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र युद्ध के चलते वापस लौटे, तभी राज्य सरकार को यह आइडिया आया कि पंजाब में मेडिकल शिक्षा और सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। इससे सिविल अस्पतालों में बेड की संख्या भी बढ़ेगी और इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।

नौकरी के अलावा किसी सरकारी सुविधा पर विश्वास नहीं

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पहले पंजाब में सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी खराब थी कि लोगों को वहां इलाज पर भरोसा ही नहीं था। एमआरआई और एक्सरे मशीनों में कबूतरों ने घोंसले बना लिए थे और मरीजों को दवाइयां भी बाहर से खरीदनी पड़ती थीं क्योंकि अस्पताल में कुछ मिलता नहीं था।

बाहर की दुकानों से सेटिंग चलती थी। उन्होंने कहा कि अब सीएमओ को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि अगर अस्पताल में कोई दवा नहीं है तो खुद बाहर से लेकर मरीज को दें।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज भी लोगों को सिर्फ सरकारी नौकरी पर भरोसा है, बाकी किसी भी सरकारी सुविधा पर नहीं, क्योंकि नौकरी मौत के बाद भी सुरक्षा देती है। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और पंजाब में सुधार दिखने लगा है।

उन्होंने गर्व के साथ कहा कि जब भी पंजाबियों को मौका मिलता है, वे हर क्षेत्र में आगे रहते हैं- चाहे वो माइक्रोसॉफ्ट हो या बोइंग जैसी बड़ी कंपनियां, हर जगह पंजाबियों का जलवा है।

 

बॉर्डर एरिया में चाइल्ड लेस कपल की संख्या बढ़ीं

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी क्लिनिक से एक बड़ा फायदा ये हो रहा है कि रोज़ करीब 70 हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, जिससे हमें ये पता चल रहा है कि पंजाब के किस इलाके में कौन-सी बीमारी के कितने मरीज हैं। इससे हमें हेल्थ से जुड़ा डेटा मिल रहा है और जरूरत के हिसाब से उस इलाके में विशेषज्ञ डॉक्टर भेज सकते हैं।

उन्होंने खास तौर पर बॉर्डर एरिया की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि इन इलाकों का पानी बेहद खराब है, जिसमें यूरेनियम और दूसरे खतरनाक तत्व पाए जा रहे हैं। कई गांवों में ऐसे हालात हैं कि बच्चों के बाल छोटे उम्र में ही सफेद हो रहे हैं और कई बच्चे दिव्यांग पैदा हो रहे हैं। कुछ घरों में तो व्हीलचेयर आम हो गई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) को भी ध्यान देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान से होता हुआ जो पानी पंजाब में आता है, वह काफी प्रदूषित है और उसी की वजह से बॉर्डर एरिया में निःसंतान (चाइल्ड लेस) दंपतियों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि इन गांवों की हालत देखकर लगता नहीं कि हम पंजाब में हैं, बल्कि ऐसा लगता है जैसे किसी इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए हों। इसलिए इन इलाकों पर गंभीरता से काम करना जरूरी है।

 

107 अधिक आवश्यक दवाइयां और 100 से ज्यादा टेस्ट

राज्यभर में इस समय 880 से अधिक आम आदमी क्लिनिक चल रहे हैं, इनमें से 565 गांवों में और 316 शहरों में हैं। 1.3 करोड़ से अधिक लोग इन क्लीनिकों से लाभ उठा चुके हैं, और 3.7 करोड़ से ज़्यादा बार लोग ओपीडी सेवाओं का इस्तेमाल कर चुके हैं। पिछली सरकार के समय सालाना ओपीडी लगभग 34 लाख थी, जो अब बढ़कर 177 लाख हो चुकी है,

यानी 4.5 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन क्लीनिकों में पहले से ही मुफ्त डॉक्टर परामर्श, 107 अधिक आवश्यक दवाइयां और 100 से ज्यादा टेस्ट उपलब्ध हैं। इनमें डायग्नोस्टिक, टाइफाइड, एचबीए1सी, हेपेटाइटिस, डेंगू, एचआईवी, प्रेग्नेंसी टेस्ट और सभी प्रकार के अल्ट्रासाउंड निशुल्क उपलब्ध हैं। अब जीवन रक्षक इंजेक्शन भी इस नेटवर्क का हिस्सा होंगे।

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