पंजाब में तकनीकी क्रांति: AI से ₹383 करोड़ की बचत, 10,000 शिक्षकों को मिल रही है Artificial Intelligence Training

भगवंत मान सरकार की स्मार्ट गवर्नेंस का असर, भ्रष्टाचार पर लगाम और भविष्य के लिए मजबूत नींव

चंडीगढ़ | 20 अगस्त 2025:
पंजाब में एक नई क्रांति की शुरुआत हो चुकी है — राजनीति से नहीं, बल्कि तकनीक से। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पं

जाब सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर न सिर्फ करोड़ों रुपये की बचत की है, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढां

चे को पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।

AI तकनीक से ₹383 करोड़ की बचत: सड़क मरम्मत में पारदर्शिता

पहली बार राज्य की 3,369 सड़कों का सर्वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वीडियोग्राफी के ज़रिए किया गया।
जांच में सामने आया कि इनमें से 843 सड़कें पहले से ही सही हालत में थीं, जिन पर पिछली सरकारों ने मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए थे।

इस बार बिना ज़रूरत के मरम्मत पर पैसा बहाने के बजाय, ₹383 करोड़ की सीधी बचत की गई — अब यह रकम जनता की भलाई में लगेगी, भ्रष्टाचार में नहीं।

जेलों में तकनीकी सुधार: 5G जैमर और AI निगरानी सिस्टम

सिर्फ सड़कों तक ही नहीं, सरकार ने जेलों में भी बदलाव शुरू कर दिए हैं।
252 करोड़ रुपये की लागत से जेलों का ओवरहॉल हो रहा है, जिसमें 5G जैमर, AI बेस्ड कैमरे और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं ताकि अपराध और अवैध गतिविधियों पर तुरंत नज़र रखी जा सके।

पुलिसिंग और टैक्स सिस्टम में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन

पुलिसिंग से लेकर टैक्स वसूली तक, हर विभाग में टेक्नोलॉजी को प्रमुखता दी जा रही है।
ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में अब AI आधारित HAMS तकनीक लागू की गई है, जो दलाली और हेरफेर को पूरी तरह खत्म करती है। हर टेस्ट रिकॉर्ड होता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।

शिक्षा में सबसे बड़ा निवेश: 10,000 शिक्षकों को AI की ट्रेनिंग

मान सरकार की सबसे दूरगामी योजना शिक्षा के क्षेत्र में लागू हो रही है।
10,000 शिक्षकों को AI ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे आने वाली पीढ़ियों को तकनीक की भाषा सिखा सकें।
स्कूली स्तर पर AI की शिक्षा शुरू की जा रही है, जिससे पंजाब के युवा सिर्फ नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नए रोजगार सृजनकर्ता बन सकें।

खेती और मातृभाषा में भी AI की एंट्री

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में AI आधारित कोर्स शुरू हो चुके हैं, जिससे किसानों और कृषि-परिवारों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा सके।

इसके साथ ही, सरकार ने पंजाबी भाषा को भी AI में इंटीग्रेट करने की पहल शुरू की है। इससे लोकल युवाओं के लिए नए डिजिटल अवसर बनेंगे और मातृभाषा को वैश्विक पहचान मिलेगी।

यह सिर्फ नीतियों का नहीं, सोच का बदलाव है

भगवंत मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि ईमानदारी, पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल से जनता का पैसा भीबच सकता है और भविष्य भी बन सकता है।

अब विकास का मतलब सिर्फ इमारतें और सड़कें नहीं, बल्कि वह तकनीकी ताकत है जो हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाती है।

मुख्य बिंदु (At a Glance):

विषय विवरण
सड़क मरम्मत में बचत ₹383 करोड़ बचाए गए, AI सर्वे से अनावश्यक मरम्मत रोकी गई
जेल सुधार ₹252 करोड़ से 5G जैमर, AI निगरानी और मॉनिटरिंग सिस्टम
पुलिसिंग और लाइसेंस प्रक्रिया HAMS तकनीक से ड्राइविंग टेस्ट में पारदर्शिता
शिक्षा में बड़ा निवेश 10,000 शिक्षकों को AI ट्रेनिंग, स्कूली स्तर पर AI की शुरुआत
कृषि में तकनीकी पढ़ाई पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में AI कोर्स शुरू
भाषा का डिजिटलीकरण पंजाबी भाषा को AI में इंटीग्रेट करने की पहल

निष्कर्ष:
पंजाब में अब विकास का मतलब सिर्फ योजनाएं नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी आधारित क्रियान्वयन है।
मान सरकार की यह स्मार्ट गवर्नेंस राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और भविष्य उन्मुख बना रही है।
यह वही पंजाब है जो अब “घोटालों” के लिए नहीं, “गवर्नेंस और ग्रोथ” के लिए पहचाना जाएगा।

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