Punjabi Doordarshan के लिए विशेष रिपोर्ट
स्थान: चंडीगढ़
चंडीगढ़, 15 अगस्त 2025 – पंजाब सरकार ने राज्य की सीमा सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। भारत में पहली बार, पंजाब वह राज्य बन गया है जिसने अपनी संवेदनशील सीमाओं पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है।
एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती
यह तकनीकी उपकरण राज्य सरकार की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य समाज विरोधी तत्वों, आतंकवादी गतिविधियों और हथियारों या मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना है, जो आमतौर पर ड्रोन के जरिए सीमा पार से की जाती है।
एंटी-ड्रोन सिस्टम की विशेषताएँ:
- रियल टाइम ट्रैकिंग: ड्रोन की उड़ान को वास्तविक समय में ट्रैक करने की क्षमता।
- न्यूट्रलाइजेशन तकनीक: ड्रोन को ‘जैम’ या ‘न्यूट्रलाइज’ करने की तकनीक।
- नाइट विज़न इंफ्रा-रेड सिस्टम: रात के समय भी निगरानी की सुविधा।
- GPS और RF जेमिंग यंत्र: ड्रोन की पहचान और उसका मार्ग अवरुद्ध करने की प्रणाली।
सरकार का बयान
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“पंजाब की जनता की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। सीमा क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से हो रही गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम एक नया कदम है। अब कोई भी ड्रोन हमारी निगरानी से बच नहीं सकेगा।”
सरहदी इलाके होंगे लाभांवित
एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती पहले चरण में अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और पठानकोट जैसे संवेदनशील सीमा जिलों में की गई है। ये इलाके अक्सर ड्रोन के जरिए नशे, हथियारों और आतंकवादी संदेशों की घुसपैठ का शिकार रहे हैं।
पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ होंगी और ताकतवर
इस एंटी-ड्रोन सिस्टम से पंजाब पुलिस, बीएसएफ और इंटेलिजेंस एजेंसियों के कार्यों में तेज़ी आएगी। अब ड्रोन की पहचान, उसका ट्रैक और उसे निष्क्रिय करने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।
भविष्य की योजना
राज्य सरकार ने यह भी बताया कि आने वाले समय में यह तकनीक और क्षेत्रों में भी फैलायी जाएगी, जहां ड्रोन के जरिए गतिविधियाँ होने की संभावना हो सकती है।
नतीजा:
पंजाब सरकार का यह फैसला केवल तकनीकी दृष्टि से नहीं, बल्कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के संदर्भ में भी एक ऐतिहासिक कदम है। एंटी-ड्रोन सिस्टम के जरिए अब राज्य की सीमाओं पर एक “बाज की नजर” होगी, जो हर ड्रोन उड़ान पर कड़ी निगरानी रखेगी।
Punjabi Doordarshan,
चंडीगढ़