हरियाणा के रोहतक में तैनात 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे उत्तर भारत की सियासत को हिला कर रख दिया है।
अधिकारी के सुसाइड नोट में हरियाणा डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत 13 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम आने से सरकार कठघरे में खड़ी हो गई है।
सीएम भगवंत मान पहुंचे परिवार से मिलने
इस घटनाक्रम के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आज वाई पूरन कुमार के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“यह घटना न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।”
पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पूरन कुमार हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और पंजाब के बठिंडा से विधायक अमित रतन की बहन हैं।
“आईएएस परिवार को भी न्याय मांगना पड़ रहा है” – CM मान
मीडिया से बातचीत में सीएम मान ने कहा कि परिवार गहरे सदमे में है।
उन्होंने कहा,
“पूरन कुमार की पत्नी खुद आईएएस हैं। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि एक आईएएस अधिकारी की पत्नी को भी इंसाफ के लिए गुहार लगानी पड़ रही है। यह सिस्टम के लिए गंभीर संकेत है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अफसरों के बीच संवाद की कमी और तनाव बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है।
“जब वाई पूरन कुमार ने शिकायत की थी, तो अधिकारियों को उनकी काउंसलिंग करनी चाहिए थी। छोटी-छोटी बातों को सुलझाने के लिए संवेदनशील रवैया जरूरी है,” उन्होंने कहा।
सुसाइड नोट में चौंकाने वाले आरोप
पूरन कुमार के सुसाइड नोट में 13 अधिकारियों के नाम दर्ज हैं, जिन पर उन्होंने मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने लिखा कि उन्हें लंबे समय से मानसिक रूप से तोड़ा गया, जिसके चलते उन्होंने यह दुखद कदम उठाया।
घटना के बाद हरियाणा सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं विपक्षी दलों ने इसे “प्रशासनिक तानाशाही” और “सिस्टम की विफलता” बताते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है।