जालंधर: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह की हत्या में शामिल रहे आतंकवादी भाई जगतार सिंह तारा को लेकर आज अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है।
भोगपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में दर्ज एक अवैध गतिविधियों के मामले में अदालत ने जगतार सिंह तारा को बरी कर दिया है। यह केस धारा 17, 18, 20 और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार बेरी की अदालत ने तारा के वकील एस. के. हुंदल की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। इस आधार पर अदालत ने जगतार सिंह तारा को बरी करने का आदेश सुनाया।
आज चंडीगढ़ की बुडैल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जगतार सिंह तारा को अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान मुख्य गवाहों के मुकर जाने के कारण अदालत ने तारा को राहत दी।
गौरतलब है कि जगतार सिंह तारा वही आरोपी है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में पहले दोषी ठहराया जा चुका है। उस समय वह अपने साथियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भ्यौरा के साथ इस साजिश में शामिल था।
इन तीनों ने मिलकर बुडैल जेल ब्रेक की थी। जेल से भागने के लिए उन्होंने बैरक के अंदर टॉयलेट सीट को उखाड़कर 94 फीट लंबी सुरंग तैयार की थी, जिसके जरिए वे फरार हुए थे।
वर्तमान में, तारा बेअंत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है। हालांकि, आज के इस फैसले से उसे 2009 के केस में बड़ी राहत मिली है।

