जालंधर, 10 नवंबर 2025 (Punjabi Doordarshan): ‘थार’ और ‘बुलेट’ पर स्टंटबाजी व तेज रफ्तार के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा के डीजीपी ओ.पी. सिंह के विवादित बयान ने नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर बयान वायरल होने के बाद महिंद्रा थार और रॉयल एनफील्ड बुलेट के शौकीन युवाओं में नाराज़गी देखी जा रही है, जबकि कई लोग डीजीपी की चेतावनी को सही ठहरा रहे हैं।
DGP का बयान—“थार है तो दिमाग जरूर घूमेगा!”
पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीजीपी ने कहा कि सड़क चेकिंग के दौरान पुलिस हर वाहन को नहीं रोकती, लेकिन अगर सामने थार या बुलेट आती है तो ध्यान अपने-आप चला जाता है।
उनका विवादित बयान —
“जिसके पास थार है, उसका दिमाग घूमा होगा। थार हो तो कैसे जाने दें? बुलेट हो तो कैसे नजरअंदाज करें? सारे बदमाश इन्हीं पर चलते हैं।”
इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है।
युवा बोले—“शौक ग़लत नहीं, स्टंट करने वाले ग़लत!”
थार और बुलेट युवाओं के लिए सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि स्टाइल, एटीट्यूड और स्टेटस सिंबल माने जाते हैं।
युवाओं का कहना है कि:
- सभी थार या बुलेट चलाने वाले स्टंट नहीं करते
- कुछ लोगों की वजह से सभी को अपराधी की तरह देखना गलत है
- वे वाहन नियमों के तहत और शौक से चलाते हैं
क्या बन रही है गलत छवि?
हाल के महीनों में थार और बुलेट से जुड़े स्टंट, तेज रफ्तार और दुर्घटनाओं के कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें:
- हाईवे पर स्टंट
- खिड़की/दरवाज़े से झूलकर वीडियो बनाना
- कटआउट साइलेंसर से शोर
- बिना हेलमेट रेसिंग
जैसी घटनाएँ शामिल हैं। इन मामलों ने इन वाहनों की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
क्यों बढ़ रहा है थार–बुलेट का क्रेज?
- पंजाब–हरियाणा में सड़क संस्कृति में शो-ऑफ और पावरफुल लुक का बड़ा प्रभाव
- सोशल मीडिया रील्स और वायरल ट्रेंड
- थार और बुलेट का “स्टेटस सिंबल” टैग
- मजबूत लुक, दमदार साउंड और हाई परफॉर्मेंस
बिक्री आंकड़े भी यही बताते हैं:
- सितंबर में 11,800+ थार बिकी
- रॉयल एनफील्ड बुलेट की 1.24 लाख यूनिट बिकीं
बहस अभी जारी…
डीजीपी के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस चल रही है। एक तरफ लोग इसे ट्रैफिक अनुशासन के लिए जरूरी मान रहे हैं, वहीं वाहन प्रेमी इसे “जनरलाइजेशन” बताकर सवाल उठा रहे हैं।

