श्री आनंदपुर साहिब में ‘व्हाइट सिटी’ प्रोजेक्ट लॉन्च, शहर को सफेद रंग में सजाने की शुरूआत

श्री आनंदपुर साहिब में ‘व्हाइट सिटी’ प्रोजेक्ट लॉन्च, शहर को सफेद रंग में सजाने की शुरूआत


Punjabi Doordarshan | चंडीगढ़ 

Updated: 12 Nov, 2025 | Edited By Rishab Chawla

आध्यात्मिक और ऐतिहासिक नगरी श्री आनंदपुर साहिब की सुंदरता को नए आयाम देने और श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी जयंती को समर्पित करते हुए आज बहुप्रतीक्षित ‘व्हाइट सिटी’ प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत की गई। इस पहल का उद्देश्य पूरे शहर को सफेद रंग की एकरूप सुंदरता में रंगकर इसे और अधिक पवित्र, शांत और आकर्षक बनाना है।

कार्यक्रम की शुरुआत किला आनंदगढ़ साहिब कार सेवा के बाबा सतनाम सिंह द्वारा अरदास के साथ हुई। इसके बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब के विधायक हरजोत सिंह बैंस ने स्थानीय बस स्टैंड से प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया और स्वयं ब्रश चलाकर शहर को सफेद रंग से सजाने की प्रक्रिया शुरू की।

हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह प्रयास शहर को सुंदरता, शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा,
“यह परियोजना हमारी समृद्ध विरासत को और अधिक उजागर करेगी। हर गली, सड़क और कोने को साफ-सुथरा बनाकर सफेद रंग से निखारा जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों और श्रद्धालुओं के लिए यह शहर गुरु साहिब की पवित्र धरोहर के रूप में चमके।”

परियोजना को बड़े पैमाने पर सामुदायिक समर्थन मिल रहा है। स्थानीय संगठनों और समाजसेवियों ने प्रारंभिक चरण के लिए 20,000 लीटर से अधिक सफेद पेंट का दान किया है, जो सामूहिक भावना और एकजुटता का प्रतीक है।

शिक्षा मंत्री ने युवाओं, पंचायतों और स्थानीय संगत से विशेष अपील की कि वे इस महान सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि आने वाले 5–7 दिनों में पूरे शहर की हर गली और मोहल्ला सफेद रंग की चमक में नहा जाएगा

उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि प्रोजेक्ट को सभी प्रशासनिक विभागों का पूरा सहयोग मिलेगा और इसे एक सतत अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। उद्देश्य है कि 350वीं शहीदी जयंती के अवसर पर देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए यह नगरी गुरु साहिब की आध्यात्मिक विरासत का भव्य प्रतीक बने।

गुरु साहिब की शिक्षाओं को याद करते हुए हरजोत बैंस ने कहा,
“श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने इस पवित्र भूमि पर आध्यात्मिक किले की नींव रखी थी। आज हम उसी रूहानियत को दुनिया भर की संगत तक पहुँचाने के लिए यह सेवा आरंभ कर रहे हैं।”

 

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