चंडीगढ़ | Punjabi Doordarshan ब्यूरो
चंडीगढ़ के राम दरबार इलाके की झुग्गियों से निकलकर करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनने वाले रामलाल चौधरी और उसके बेटे अमित कुमार अब कानून के शिकंजे में बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। अदालत ने आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए 6 फरवरी से मामले की सुनवाई तय की है।
150 करोड़ की संपत्ति, BMW–मर्सिडीज बरामद
जांच एजेंसियों के अनुसार रामलाल चौधरी और उसके बेटे के पास करीब 150 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। जांच के दौरान उनके ठिकानों से BMW और मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें भी बरामद की गई थीं, जिसने पूरे मामले को और सनसनीखेज बना दिया।
झुग्गी से करोड़पति बनने की कहानी
करीब 50 साल पहले मजदूरी करने वाला रामलाल चौधरी वर्ष 1976 में चंडीगढ़ आया और राम दरबार की झुग्गियों में रहने लगा। शुरुआती दौर में उसने रेहड़ी लगाकर और छोटे-मोटे काम करके जीवनयापन किया।
बाद में उसने प्रभावशाली लोगों और कुछ पुलिस अधिकारियों से नजदीकियां बढ़ाईं और फाइनेंस के कारोबार में उतर गया।
ठगी, फर्जी वादे और आपराधिक नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि रामलाल लोगों को आपराधिक मामलों में राहत दिलाने और सरकारी तंत्र में पहुंच का भरोसा देकर मोटी रकम वसूलता था।
करीब 4 साल पहले गुरुग्राम के कारोबारी अतुल्य शर्मा ने निवेश के नाम पर 5 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद रेवाड़ी के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने भी 6 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया।
रामलाल चौधरी का नाम समय-समय पर दुष्कर्म और हत्या जैसे मामलों से भी जुड़ता रहा है, जिसके बाद पुलिस जांच में उसके बड़े वित्तीय नेटवर्क का खुलासा हुआ और ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से केस अपने हाथ में ले लिया।

