पटियाला/करनाल, 4 सितंबर 2025:
आम आदमी पार्टी (AAP) के सन्नौर से विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। उन पर गंभीर आपराधिक आरोपों के चलते हरियाणा में FIR दर्ज की गई है। पंजाब पुलिस की हिरासत से फरार होने के 24 घंटे बाद, अब उनकी गिरफ्तारी के लिए AGTF (एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स) की तैनाती कर दी गई है।
वहीं, पठानमाजरा के सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया गया है, जहां से वे लगातार वीडियो जारी कर पुलिस और पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे।
🔹 फरारी की पटकथा: करनाल से गिरफ्तारी और फिर भागने की कहानी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बीते सोमवार को पंजाब पुलिस की CIA टीम ने हरियाणा के करनाल जिले के डबरी गांव में छापेमारी कर विधायक हरमीत पठानमाजरा को गिरफ़्तार किया।
लेकिन जब टीम उन्हें पटियाला लेकर जा रही थी, उसी दौरान विधायक और उनके साथी गुरनाम सिंह लाडी गांववालों की भीड़ की मदद से फरार हो गए। इस घटना के दौरान पथराव और फायरिंग की भी खबरें आईं, हालांकि पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की।
🔹 हरियाणा में FIR दर्ज, सोशल मीडिया बंद
पंजाब पुलिस की शिकायत पर हरियाणा के करनाल सदर थाने में विधायक और उनके सहयोगी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि विधायक ने सरकारी कार्य में बाधा डाली, पुलिस पार्टी पर हमला किया और गिरफ्तारी के समय भाग निकले।
इस बीच उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया गया है, जहां से वह लगातार वीडियो जारी कर अपना पक्ष रख रहे थे।
🔹 गिरफ्तारी की जिम्मेदारी AGTF को, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट करेंगे लीड
अब पठानमाजरा की गिरफ्तारी की कमान AGTF को सौंप दी गई है। टीम की अगुआई कर रहे हैं DSP बिक्रमजीत सिंह बराड़, जिन्हें गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में दो शूटरों को ढेर करने और गैंगस्टर विक्की गोंडर के एनकाउंटर जैसे अभियानों में बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक मिल चुका है।
🔹 विधायक का आरोप: “मुझे मारने की साजिश, पुलिस ने हथियार कॉक किया”
फरार होने के बाद पठानमाजरा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनका एनकाउंटर किए जाने का शक है।
“मैंने न गोली चलाई, न किसी को धक्का दिया। पुलिस मुझे बातों में उलझाकर ले जा रही थी और मैंने चाय-पानी में ही उन्हें फंसा दिया। हथियार कॉक किया गया, लेकिन चला नहीं। मुझे पहले से सूचना थी कि मेरा एनकाउंटर करने की योजना है।”
विधायक ने यह भी दावा किया कि उनके पीछे 400 से ज्यादा पुलिसकर्मी, 10 DSPs और SPs लगाए गए थे और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बिक्रम बराड़ को भेजा गया।
🔹 राजनीतिक पृष्ठभूमि: FIR से पहले दिल्ली नेतृत्व पर हमला
FIR से महज 48 घंटे पहले पठानमाजरा ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर आम आदमी पार्टी की दिल्ली लीडरशिप पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था:
“पंजाब की आवाज को दबाया जा रहा है। दिल्ली वाले हमें क्या डराएंगे? हम अब्दालियों से नहीं डरे, इनसे क्या डरेंगे?”
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली हाईकमान पंजाब को सिर्फ कंट्रोल करना चाहता है। उन्होंने गनमैन हटाए जाने और बाढ़ राहत कार्यों में लापरवाही पर भी सवाल उठाए।
🔹 2022 की शिकायत, 2025 में गिरफ्तारी की कोशिश
FIR की शुरुआत 2022 की एक महिला शिकायत से हुई है, जिसमें पठानमाजरा पर रेप, धोखाधड़ी, धमकी और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
पीड़िता के अनुसार, विधायक ने झूठ बोलकर शादी का झांसा, शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग के लिए निजी वीडियो बनाए। साथ ही, सरकारी नौकरी और योजनाओं का लालच देकर पैसे भी लिए।
यह मामला पिछले तीन साल से लंबित था, लेकिन अचानक 1 सितंबर 2025 को FIR दर्ज की गई और 2 सितंबर को पुलिस गिरफ्तारी के लिए पहुंच गई।
🔹 क्या FIR राजनीतिक बदले की वजह?
विशेषज्ञों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि FIR की टाइमिंग संदेहास्पद है। FIR दर्ज होने से ठीक पहले विधायक ने अपनी ही पार्टी के दिल्ली नेतृत्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई थी, जो अब पार्टी में आंतरिक संघर्ष की ओर इशारा करता है।
निष्कर्ष
हरमीत पठानमाजरा की फरारी, आरोपों और FIR ने पंजाब की राजनीति को हिला कर रख दिया है। जहां एक तरफ पुलिस इसे कानूनी कार्रवाई बता रही है, वहीं विधायक इसे राजनीतिक साजिश और जान का खतरा कह रहे हैं।
अब देखना होगा कि AGTF की टीम इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी को किस तरह अंजाम देती है और इसके राजनीतिक नतीजे क्या होते हैं।