पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब राज्य में बिजली बिल बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने अत्याधुनिक एआई (Artificial Intelligence) स्कैनिंग ऐप के जरिए बिजली बिल जारी करने की शुरुआत कर दी है।
इस नई प्रणाली के तहत अब विभागीय कर्मचारी मैन्युअल रूप से बिल नहीं बनाएंगे। बिजली मीटर की रीडिंग और यूनिट की गणना अब एआई ऐप के माध्यम से स्वतः की जाएगी, जिससे मानव त्रुटि और हेराफेरी की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
पंजाब सरकार और पावरकॉम विभाग ने यह तकनीक खासतौर पर उन भ्रष्ट कर्मचारियों पर लगाम कसने के लिए लागू की है जो उपभोक्ताओं के साथ मिलकर यूनिट में हेराफेरी कर बिजली बिल में गड़बड़ी करते थे।
सूत्रों के अनुसार, कई मीटर रीडर उपभोक्ताओं से सांठगांठ कर यूनिट कम या ज़्यादा दिखा देते थे और इसके बदले रिश्वत लेते थे। इस वजह से विभाग को हर साल लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था।
पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों को मिलेगा बढ़ावा
एआई आधारित बिलिंग सिस्टम से अब बिजली उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सटीक बिल मिलेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, नई तकनीक से न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी बल्कि उपभोक्ताओं का विभाग पर विश्वास भी बढ़ेगा।
पावरकॉम अधिकारियों ने बताया कि यह कदम “डिजिटल पंजाब” के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा सुधार है। जल्द ही राज्य के सभी ज़िलों में यह सुविधा पूरी तरह लागू कर दी जाएगी।
मुख्य बातें एक नज़र में
- अब पंजाब में एआई स्कैनिंग ऐप से बनेगा बिजली बिल
- मैन्युअल बिलिंग सिस्टम को किया गया खत्म
- भ्रष्ट मीटर रीडरों पर सरकार की सख्त नज़र
- उपभोक्ताओं को मिलेंगे सटीक और पारदर्शी बिल
- पावरकॉम विभाग को आर्थिक नुकसान से मिलेगी राहत