अमेरिका की नई सख्ती से पंजाबियों के लिए खड़ी हुई मुश्किलें, H-1B वीजा पाना हुआ और कठिन
पंजाब डेस्क (पंजाबी दूरदर्शन):
अमेरिका जाने का सपना देख रहे हजारों पंजाबियों और भारतीय युवाओं के लिए बुरी खबर सामने आई है। अमेरिकी प्रशासन की नई सख्ती के चलते अब अमेरिका का वीजा, खासतौर पर H-1B वीजा, हासिल करना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है। ताजा नियमों और प्रक्रियाओं ने वीजा आवेदकों की चिंता बढ़ा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका में H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वाले हजारों भारतीयों को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी दूतावास ने स्पष्ट किया है कि जिन आवेदकों की सितंबर से दिसंबर के बीच वीजा अपॉइंटमेंट तय थी और जिन्हें बाद में री-शेड्यूल करने की सूचना दी गई, वे पुरानी तारीख पर दूतावास पहुंचकर इंटरव्यू नहीं दे सकेंगे। अब केवल नई निर्धारित अपॉइंटमेंट पर ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर माह की सभी वीजा अपॉइंटमेंट्स को स्थगित कर मार्च 2026 तक के लिए टाल दिया गया है।
सोशल मीडिया वेरिफिकेशन बनी नई चुनौती
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। 15 दिसंबर से लागू होने जा रही इस प्रक्रिया के तहत आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट “पब्लिक” मोड में रखने होंगे। अमेरिकी अधिकारी आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों की गहन जांच करेंगे, ताकि किसी भी संभावित सुरक्षा जोखिम की पहचान की जा सके। इसी कारण बड़ी संख्या में वीजा इंटरव्यू अचानक रद्द कर दिए गए और उन्हें मार्च तक के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।
H-1B वीजा प्रोग्राम पर बढ़ी सख्ती
अमेरिकी प्रशासन पहले से ही H-1B वीजा प्रोग्राम पर कड़ी नजर बनाए हुए है। इससे पहले सितंबर में नए H-1B वीजा पर 1,00,000 डॉलर शुल्क लगाए जाने की भी जानकारी सामने आई थी। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों से कुछ देशों के आवेदकों की ग्रीन कार्ड और नागरिकता प्रक्रियाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि हर वीजा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है और सोशल मीडिया स्क्रीनिंग उसी नीति का हिस्सा है।
क्या है H-1B वीजा
H-1B वीजा अमेरिका द्वारा उन उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को दिया जाता है, जो किसी अमेरिकी कंपनी में तय अवधि के लिए काम करना चाहते हैं। यह वीजा मुख्य रूप से आईटी, इंजीनियरिंग, फाइनेंस, हेल्थकेयर, साइंस और अन्य तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मिलता है। यह वीजा आमतौर पर 3 साल के लिए दिया जाता है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम 6 साल तक किया जा सकता है। H-1B धारक अपने परिवार को H-4 वीजा पर अमेरिका ले जा सकते हैं।
हर साल लाखों आवेदन आने के कारण H-1B वीजा प्रक्रिया पहले से ही बेहद प्रतिस्पर्धी है। अब नई सख्त जांच और सोशल मीडिया वेरिफिकेशन नियमों के बाद अमेरिका जाने का रास्ता पंजाबियों समेत सभी भारतीय आवेदकों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

