उत्तर प्रदेश में एक नई सुबह ने दस्तक दी है वो सुबह जिसमें इंसान की पहचान उसके अधिकारों से होगी, न कि उसकी सामाजिक श्रेणी से। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जो न सिर्फ संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि न्याय और समानता की दिशा में भी एक ठोस कदम है। अब राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय के नागरिकों को भी राशन कार्ड दिए जाएंगे, जिससे वे भी सस्ते और मुफ्त राशन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभउठा सकेंगे।
ट्रांसजेंडर को मिलेगा सम्मान और सुविधा
राज्य सरकार ने यह साफ निर्देश दिए हैं कि उन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विशेष रूप से चिन्हित किया जाए, जिनके पास अब तक राशन कार्ड नहीं हैं। इसके लिए एक व्यापक और पारदर्शी अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई भी पात्र नागरिक योजना से वंचित न रह जाए। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर नागरिक शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से आज भी दूर हैं। बहुत से लोगों के पास राशन कार्ड न होने की वजह से वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। लेकिन अब हालात बदलेंगे।
सरकार का समावेशी नजरिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि समाज का कोई भी वर्ग, चाहे उसकी लैंगिक पहचान कुछ भी हो, सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहना चाहिए। यह कदम उनके इसी सोच को दर्शाता है। अब तक राज्य में 1,067 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र और 248 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। राशन कार्ड योजना इस कड़ी में एक और मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ गई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की दिशा में कदम
गौरतलब है कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय को थर्ड जेंडर की मान्यता दी थी और सरकारों को उनके लिए योजनाएं चलाने का निर्देश दिया था। उसी क्रम में योगी सरकार पहले ही ‘गरिमा गृह’, वृद्धाश्रम, छात्रवृत्ति और अब राशन कार्ड जैसी योजनाएं चला रही है। यह पहल सिर्फ राशन देने की नहीं, पहचान और सम्मान देने की है।