नई दिल्ली : दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम बुधवार को स्पष्ट हो जाएगा। उस दिन शाम को भाजपा के 48 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होगी, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।
बृहस्पतिवार दोपहर रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के अन्य छह सदस्य शपथ लेंगे। रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और भाजपा नेताओं ने इस संबंध में उपराज्यपाल से मुलाकात की है।
भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने अभी तक कोई पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किया है, हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि बैठक से पहले पर्यवेक्षक की घोषणा की जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह की जिम्मेदारी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ के साथ दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संभाली है, जिन्होंने रामलीला मैदान का निरीक्षण किया।
इसके बाद, प्रदेश कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल थे। बैठक के बाद तावड़े, चुघ और सचदेवा उपराज्यपाल से मिले। चुघ ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, साधु संत, भाजपा कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी और विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित होंगे।
मुख्यमंत्री पद के लिए इन नामों पर चर्चा हो रही है:
मुख्यमंत्री बनने के दावेदारों में नई दिल्ली से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री पवन शर्मा, जम्मू कश्मीर और गोवा के सह प्रभारी आशीष सूद। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, रेखा गुप्ता, शिखा राय, अजय महावर, जितेंद्र महाजन, रविंद्र इंद्राज, कैलाश गंगवाल और करनैल सिंह सैनी के नाम भी चर्चा में हैं। अगर किसी सांसद को यह जिम्मेदारी मिलती है, तो मनोज तिवारी भी इस दौड़ में शामिल हैं।