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गुरदासपुर:
पंजाब के गुरदासपुर जिले से एक हैरान करने वाला और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां 11 गांवों की गर्भवती महिलाओं और बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्लॉक दोरांगला के अंतर्गत आने वाले आयुष्मान आरोग्य केन्द्र, गांव ऊंचा थकाला से जुड़े ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाएं होने के बावजूद उन्हें समय पर टीकाकरण नहीं मिल पा रहा।
3–5 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर ग्रामीण
मिली जानकारी के अनुसार गुरदासपुर से बहरामपुर जाने वाली मुख्य सड़क से करीब 3 किलोमीटर अंदर स्थित ऊंचा थकाला गांव के आयुष्मान आरोग्य केन्द्र तक पहुंचने के लिए कोई पुख्ता यातायात साधन उपलब्ध नहीं है। इस कारण आसपास के 11 गांवों के लोगों को अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने के लिए कई किलोमीटर पैदल या निजी साधनों से जाना पड़ता है।
गांव डाला की एक महिला ने बताया कि उन्हें अपने बच्चे को टीका लगवाने के लिए करीब 5 किलोमीटर दूर ऊंचा थकाला जाना पड़ता है। यह केंद्र कई गांवों से जुड़ा होने के कारण वहां पहुंचना और भी कठिन हो जाता है।
रोजाना वैक्सीनेशन की व्यवस्था नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि ऊंचा थकाला आयुष्मान आरोग्य केन्द्र में रोजाना वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। महीने में कुछ ही दिनों के लिए महिला कर्मचारी बच्चों को वैक्सीन लगाने आती है। ऐसे में वैक्सीनेशन वाले दिन अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ती है, जिससे महिलाओं और बच्चों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
वैक्सीनेशन वर्कर की पोस्ट खाली
स्थानीय लोगों के अनुसार ऊंचा थकाला डिस्पेंसरी में वैक्सीनेशन वर्कर की पोस्ट काफी समय से खाली पड़ी है। फिलहाल गांव पनियाड़ से एक वैक्सीनेशन वर्कर को अतिरिक्त कार्यभार देकर यहां भेजा जा रहा है, लेकिन इससे समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पा रही।
स्वास्थ्य विभाग का आश्वासन
इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. भावना ने बताया कि लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही उचित इंतजाम करेगा, ताकि इस आयुष्मान आरोग्य केन्द्र से जुड़े 11 गांवों के लोगों को परेशानी न हो। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग इस सप्ताह स्पेशल वैक्सीनेशन अभियान चला रहा है, जिसके तहत टीमें सीधे गांवों में जाकर बच्चों को वैक्सीन लगाएंगी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि स्थायी वैक्सीनेशन स्टाफ की तैनाती और यातायात की बेहतर व्यवस्था की जाए, ताकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

