बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की भी इंट्री हो गई है। ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने साफ कहा कि अब न कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन है, न ही INDIA गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा।
सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था INDIA गठबंधन
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अकेले चुनाव लड़ेगी। INDIA गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था। अब कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है। अगर गठबंधन होता, तो कांग्रेस ने विसावदर उपचुनाव में हमारे खिलाफ उम्मीदवार क्यों उतारा? वो हमें हराने आए थे। बीजेपी ने कांग्रेस को भेजा था हमें हराने और वोट काटने के लिए।’
हाल ही में हुए उपचुनाव में विसावदर सीट पर AAP ने दर्ज की जीत
गुजरात के जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में AAP के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की। वो पार्टी के पूर्व राज्य अध्यक्ष हैं। उन्होंने बीजेपी के किरीट पटेल को 17,581 वोटों से हराया, जबकि कांग्रेस के नितिन रनपरिया तीसरे नंबर पर रहे।
लोकसभा चुनाव 2024 में साथ मिलकर लड़े थे चुनाव
ध्यान रहे कि AAP और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन राज्यों में दोनों पार्टियां अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ती रही हैं। दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी दोनों ने अलग-अलग लड़ाई लड़ी थी।
बिहार चुनाव से पहले मैदान में राजनीतिक दल
अब बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। यहां एनडीए (BJP, JDU और LJP) फिर से सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटा है। वहीं INDIA गठबंधन मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को टक्कर देने की कोशिश में है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री की पार्टी ने प्रशांत किशोर के जन सुराज के साथ किया विलय
इस बीच, बिहार की राजनीति में एक और बड़ा घटनाक्रम हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ को प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ में विलय कर दिया है। उधर, पूर्व बीजेपी सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को ‘जन सुराज पार्टी’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है।
चुनाव आयोग ने बिहार में किया स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा
चुनाव आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा की है, जिसमें वोटर लिस्ट की जांच और नामों की शुद्धता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया चलाई जाएगी। विधानसभा चुनाव से पहले इस विशेष अभियान को जरूरी कदम बताया जा रहा है।
हालांकि, विपक्ष ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ये प्रक्रिया वोटरों को हटाने का तरीका है। उन्होंने कहा, ‘2016 की नोटबंदी ने हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया था, अब चुनाव आयोग की ये ‘वोटबंदी’ हमारे लोकतंत्र को खत्म कर देगी।’
चुनाव आयोग ने 24 जून को SIR प्रक्रिया की अधिसूचना जारी की थी। बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत तक होने की संभावना है।