Punjabi Doordarshan | अमृतसर डेस्क
जाली रजिस्ट्रियों की जांच शुरू, लैंडमाफिया गैंग के चेहरे होंगे बेनकाब
अमृतसर:
पंजाब में जमीन घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। एफ.सी.आर. अनुराग वर्मा और डी.सी. दलविन्दरजीत सिंह के आदेशों पर एस.डी.एम. कार्यालय ने रजिस्ट्री दफ्तर टू और रजिस्ट्री दफ्तर थ्री में हुई 6 जाली रजिस्ट्रियों की जांच शुरू कर दी है। इस गंभीर मामले की गूंज सीधे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान तक पहुंच चुकी है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक तथाकथित कलयुगी भतीजे ने अपने चाचा की बीमारी का फायदा उठाते हुए नकली व्यक्ति खड़ा कर चाचा की जमीन की छह फर्जी रजिस्ट्रियां करवा दीं। इस मामले में आरोपी के खिलाफ लैंड रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत कार्रवाई तय मानी जा रही है।
जांच के घेरे में वे वसीका नवीस, दलाल और दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह भी आ चुके हैं, जिन्होंने जाली आधार कार्ड और अन्य फर्जी कागजात तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया।
लैंडमाफिया गैंग पर कसता शिकंजा
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पहले भी 588 गज और 108 गज की जमीनों की जाली रजिस्ट्रियों जैसे कई मामले पकड़े जा चुके हैं, जिनमें कुछ सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई थी। बावजूद इसके, वर्षों से लैंडमाफिया गैंग कार्रवाई से बचता आ रहा था।
अधिकारियों का मानना है कि यदि इस मामले की ईमानदारी से जांच की जाए तो लैंडमाफिया, भ्रष्ट कर्मचारी, जाली दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह और फर्जी रजिस्ट्री लिखने वाले पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।
प्रोबेशन पर तैनात अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा
रजिस्ट्री दफ्तर टू में सब-रजिस्ट्रार प्रियंका और स्पर्श कौर, जबकि रजिस्ट्री दफ्तर थ्री में सुनील गर्ग तैनात हैं। तीनों अधिकारी फिलहाल प्रोबेशन पीरियड में हैं, बावजूद इसके लैंडमाफिया गैंग ने उन्हें भी निशाना बनाया।
बॉयोमैट्रिक सिस्टम न होना बना सबसे बड़ी कमजोरी
विशेषज्ञों का कहना है कि रजिस्ट्री दफ्तरों में बॉयोमैट्रिक सिस्टम न होने के कारण जाली दस्तावेजों से धोखाधड़ी आसान हो गई है। सेवा केंद्रों, बैंकों और राशन वितरण तक में बॉयोमैट्रिक सिस्टम लागू है, लेकिन रजिस्ट्री दफ्तर इससे अब भी वंचित हैं।
वसीका नवीस यूनियन का बयान
जिला प्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि कोई भी ईमानदार वसीका नवीस जाली रजिस्ट्री नहीं लिख सकता। अनुभवी वसीका नवीस दस्तावेज देखते ही असली-नकली पहचान लेते हैं। इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें बेनकाब कर कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

