किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र और पंजाब सरकार पर पराली प्रदूषण के मुद्दे पर ठोस समाधान न निकालने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जालंधर के किसान राजकुमार, जिन्हें पराली जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो पंजाब में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
पंधेर ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए दी गई मशीनें खराब हो चुकी हैं और अधिकांश किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। इसके बावजूद उन पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि प्रदूषण में उद्योगों का योगदान 51% और वाहनों का 25% है, जबकि पराली जलाने से केवल 8% प्रदूषण होता है। इसके बावजूद किसानों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार कॉरपोरेट हितों का समर्थन कर रही है। औद्योगिक प्रदूषण पर केवल जुर्माना लगाया जा रहा है, लेकिन किसानों पर कड़ी धाराएं लगाई जा रही हैं।
आपात बैठक में बड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
पंधेर ने घोषणा की कि आज चंडीगढ़ में किसान मजदूर मोर्चा की आपात बैठक होगी। इसमें पराली मुआवजा, बासमती और कपास की कीमतें, बिजली बोर्ड का निजीकरण और स्मार्ट मीटर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
धान कटाई के सीजन के बीच अब तक पराली जलाने के 70 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मामले अमृतसर से हैं। पंधेर का यह बयान पंजाब सरकार के लिए नई चुनौती बन सकता है।