“अफगानिस्तान को राहत, लेकिन पंजाब की अनदेखी क्यों?”— हरपाल सिंह चीमा का केंद्र पर तीखा सवाल

पंजाब में भीषण बाढ़ से जूझ रहे हजारों परिवारों की मदद में देरी पर नाराज़गी जताते हुए पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने अफगानिस्तान जैसे विदेशी देश को मानवीय सहायता देने के फैसले की तुलना पंजाब के हालात से करते हुए पूछा:

“जब हम सीमाओं के पार इंसानियत के नाम पर मदद भेज सकते हैं, तो अपने ही देशवासियों की मदद करने में झिझक क्यों?”

Punjab FM Harpal Cheema slams PM Modi, Centre over 'apathy' in flood crisis

पंजाब 40 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है

चीमा ने कहा कि पंजाब इस समय पिछले चार दशकों की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है।

  • हजारों लोग बेघर हो गए हैं
  • सैकड़ों गांव जलमग्न हैं
  • फसलें, सड़कें और बुनियादी ढांचा बर्बाद हो चुके हैं

उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल विशेष राहत पैकेज और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की मांग की।

“पंजाब ने देश की खाद्य सुरक्षा को दशकों तक संभाला”

चीमा ने याद दिलाया कि पंजाब ने हमेशा देश की अन्न सुरक्षा और आर्थिक मजबूती में अग्रणी भूमिका निभाई है। अब जब पंजाब खुद संकट में है, तो पूरे देश का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह इसके साथ खड़ा हो।

उन्होंने लोगों से भी मुख्यमंत्री राहत कोष में खुले दिल से योगदान देने की अपील की और भरोसा दिलाया कि:

“हर एक रुपया पारदर्शी तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा।”

Explained: Why Punjab keeps flooding | Explained News - The Indian Express

जीएसटी में राहत का स्वागत, लेकिन मुआवजे की मांग भी जरूरी

हरपाल सिंह चीमा ने हाल ही में केंद्र द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती का स्वागत किया, लेकिन साथ ही चेताया कि इससे राज्यों की आमदनी पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा:

“दो-स्लैब जीएसटी ढांचे से आम जनता और छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी, लेकिन राज्यों की आय में गिरावट आएगी, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”

चीमा ने केंद्र को याद दिलाया कि जीएसटी लागू करते समय वादा किया गया था कि राजस्व में किसी भी कमी की भरपाई की जाएगी — लेकिन अब मुआवजा रोका गया है।

केंद्र से दोहरी मांग: राहत + मुआवजा

पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से दो प्रमुख मांगें की हैं:

  1. तत्काल विशेष राहत पैकेज — बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लिए
  2. जीएसटी मुआवजा जारी रखना — ताकि राज्य की वित्तीय स्थिरता बनी रहे

चीमा ने कहा कि अगर केंद्र अब भी देरी करता है, तो यह पंजाब ही नहीं, पूरे संघीय ढांचे पर सवाल खड़ा करेगा।

“पंजाब का संकट सिर्फ एक राज्य की त्रासदी नहीं है — यह राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।”

अब सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार इस अपील पर तुरंत कार्रवाई करेगी, या पंजाब को अकेले ही अपने हालात से जूझना पड़ेगा?

 

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