बिक्रम मजीठिया की गिरफ़्तारी पर भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर को घेरा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच शब्दों की  जंग तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया है।

 

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर आरोप लगाया था कि मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई ‘targeted harassment’ (टारगेट करके परेशान करने) की मिसाल है। उन्होंने कहा था कि “AAP सरकार को लगता है कि सस्ती सनसनी, राजनीतिक बदले की भावना और दमन ही शासन करने के तरीके हैं।”

कैप्टन यहीं नहीं रुके। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “पंजाब में लोकतंत्र पर ऐसा हमला पहले कभी नहीं देखा गया। आलोचकों को घरों में नजरबंद किया जा रहा है, झूठे केस लगाए जा रहे हैं और आवाज़ दबाई जा रही है। मजीठिया के खिलाफ की गई कार्रवाई राजनीतिक प्रताड़ना का एक चौंकाने वाला उदाहरण है। बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को कुचला जा रहा है, असहमति को दबाया जा रहा है और पंजाब को दिल्ली से माफिया स्टाइल में कंट्रोल किया जा रहा है।”

 

मान का करारा पलटवार

कैप्टन के इन आरोपों पर सीएम भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर जवाब देते हुए कहा –
“कैप्टन साहिब, आज आपको नशा तस्करों के human rights की चिंता हो रही है। आपने 2017 के चुनाव में चार हफ्तों में नशा खत्म करने का वादा किया था, लेकिन नतीजा क्या निकला? आज पंजाब को समझ आ गया कि आप सब ‘double-faced’ (दोगले) हो, लेकिन ये कड़वी सच्चाई देर से सामने आई।”

मान ने बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी भी आपके इस बयान को ‘personal’ (निजी राय) बताकर पल्ला झाड़ लेगी। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी को चुनौती दी कि वे साफ करें कि उनका नशे के मुद्दे पर असली स्टैंड क्या है।

 

 

अन्य नेताओं पर भी निशाना

सीएम मान ने सिर्फ कैप्टन पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, रवनीत बिट्टू, प्रताप सिंह बाजवा और सुखपाल सिंह खैहरा जैसे नेता भी एक नशा तस्कर के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। इससे साफ है कि ये सभी नेता नशा तस्करों के साथ मिले हुए हैं।”

मजीठिया की गिरफ्तारी और केस की स्थिति

25 जून को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने बिक्रम सिंह मजीठिया को disproportionate assets (जायदाद से जुड़े अनियमित मामलों) में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 2 अगस्त तक judicial custody (न्यायिक हिरासत) में भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला?

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह का आरोप: AAP सरकार बदले की राजनीति कर रही है, विरोध को दबाया जा रहा है और लोकतंत्र पर हमला हो रहा है।
  • भगवंत मान का जवाब: कैप्टन को अचानक नशा तस्करों के human rights की चिंता क्यों हो गई? जो वादा 2017 में किया था वो क्यों नहीं निभाया?
  • कांग्रेस-बीजेपी पर सवाल: मान ने दोनों पार्टियों को चुनौती दी कि नशे के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
  • अन्य नेताओं को घेरा: मान ने चन्नी, बाजवा, बिट्टू और खैहरा पर नशा तस्करों के साथ ‘हाथ मिलाने’ का आरोप लगाया।

इस पूरे विवाद ने पंजाब की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। अब सबकी निगाहें 2 अगस्त पर हैं, जब मजीठिया की न्यायिक हिरासत खत्म होगी और कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।

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