चुनावी ड्यूटी में शिक्षक दंपत्ति की मौत का मामला, आज पंजाबभर में सड़कों पर उतरेंगे Teachers

चुनावी ड्यूटी दौरान दंपत्ति की मौत का मामला, आज सड़कों पर उतरेंगे Teachers

मोगा (पंजाबी दूरदर्शन):
पंजाब में चुनावी ड्यूटी के दौरान हुए दर्दनाक सड़क हादसों ने पूरे शिक्षक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। चुनावी जिम्मेदारियों के दौरान एक शिक्षक दंपत्ति की मौत और अन्य शिक्षकों के गंभीर रूप से घायल होने के बाद राज्यभर में रोष फैल गया है। इसी के चलते आज पंजाब के सभी जिलों में शिक्षक संगठन सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

शिक्षक संगठनों के आह्वान पर आज सभी जिला मुख्यालयों में शिक्षक एकत्र होंगे और प्रशासनिक लापरवाही के विरोध में प्रतीकात्मक पुतला दहन करेंगे। शिक्षक नेताओं का कहना है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान अव्यवस्थित व्यवस्थाओं ने इन हादसों को जन्म दिया है।

अव्यवस्थित ड्यूटी बनी हादसों की वजह?

शिक्षक संगठनों का आरोप है कि जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों के दौरान प्रशासन की तैयारियां बेहद कमजोर रहीं। ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों को न तो सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराया गया और न ही मौसम, दूरी और समय का सही आकलन किया गया। कई बार चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

चुनाव ड्यूटी वाले दिन दो बड़े हादसे

मोगा जिले के संगतपुरा के पास घने कोहरे के बीच चुनाव ड्यूटी पर जा रहा वाहन नहर में गिर गया। इस हादसे में शिक्षक जसकरण सिंह भुल्लर और उनकी पत्नी कमलजीत कौर की मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं मूनक क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी पर जा रहे एक अन्य शिक्षक दंपत्ति की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें राजवीर कौर और उनके पति मलकीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं के बाद शिक्षकों में गुस्सा और भय दोनों का माहौल बन गया है।

संयुक्त शिक्षक मंच की सरकार से प्रमुख मांगें

संयुक्त शिक्षक मंच ने सरकार के सामने कई अहम मांगें रखी हैं, जिनमें—

  • मृतक शिक्षक दंपत्ति के परिवार को सम्मानजनक मुआवजा, बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी और भविष्य में सरकारी सहायता
  • घायल शिक्षकों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाए
  • चुनाव ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों पर दर्ज आपराधिक मामले तुरंत वापस लिए जाएं
  • बीएलओ को चुनावी प्रक्रिया से स्थायी रूप से बाहर रखा जाए
  • शिक्षकों की ड्यूटी केवल उनके नजदीकी क्षेत्रों में ही लगाई जाए

शिक्षक नेताओं का दावा है कि कई जिलों में अधिकारियों ने दबाव बनाकर शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर भेजा। ड्यूटी से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई और एफआईआर की चेतावनी दी गई, जिससे शिक्षकों में भारी नाराजगी है।

शिक्षक यूनियनों ने ऐलान किया है कि आज स्कूल समय समाप्त होने के बाद सभी जिलों में प्रतीकात्मक अर्थी जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके जरिए सरकार को साफ संदेश दिया जाएगा कि शिक्षकों की सुरक्षा से कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। शिक्षक नेताओं ने सभी शिक्षकों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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