शुक्र अस्त होने से थमे विवाह, लाखों लोगों को करना होगा इंतजार
जैतो | पंजाबी दूरदर्शन
सनातन धर्म को मानने वालों के लिए आज से एक अहम बदलाव लागू हो गया है। अब शादी की शहनाइयां नहीं बजेंगी, क्योंकि शुक्र ग्रह 12 दिसंबर की रात को अस्त हो गया है और 1 फरवरी 2026 तक इसी अवस्था में रहेगा। इस अवधि में विवाह समेत कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है, जिसके चलते लाखों कुंवारे लोगों को अपने विवाह के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
शुभ मुहूर्त में ही होते हैं मंगल कार्य
हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नया वाहन या मकान लेना जैसे कार्य शुभ मुहूर्त में ही किए जाते हैं। मान्यता है कि शुभ समय में किया गया कार्य ही सुखद और मंगलकारी फल देता है। लेकिन शुक्र के अस्त होने के साथ ही अब यह शुभ काल रुक गया है।

धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट मनाही
स्वर्गीय पंडित कल्याण स्वरूप शास्त्री ‘विद्यालंकार’ के पुत्र पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार, प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक ग्रंथ ‘मुहूर्त चिंतामणि’ में उल्लेख है कि—
- जब बुध, गुरु और शुक्र अस्त होते हैं
- तब विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार
- देव दर्शन की पहली यात्रा,
- तालाब या कुआं खुदवाना जैसे शुभ कार्य वर्जित होते हैं
इसी मान्यता के चलते अब विवाह नहीं हो सकेंगे।
1 फरवरी 2026 तक करना होगा इंतजार
पंडित शिवकुमार शर्मा ने बताया कि
- 12 दिसंबर 2025 से 1 फरवरी 2026 तक
- सनातन धर्म को मानने वाले लोग अपने बच्चों का विवाह नहीं करेंगे
इस दौरान विवाह योग्य आयु के लाखों युवक-युवतियों को इंतजार करना पड़ेगा।
फरवरी–मार्च 2026 में फिर गूंजेंगी शहनाइयां
राहत की बात यह है कि 4 फरवरी 2026 से एक बार फिर शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।
- फरवरी–मार्च 2026 में कुल 18 शुभ विवाह मुहूर्त हैं
फरवरी 2026 के शुभ मुहूर्त (13 दिन):
4, 5, 6, 10, 11, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25 और 26 फरवरी
मार्च 2026 के शुभ मुहूर्त (5 दिन):
9, 10, 11, 12 और 14 मार्च
जल्द लौटेगी शादियों की रौनक
शुक्र के उदय के साथ ही एक बार फिर विवाह, सगाई और अन्य मंगल कार्यों की रौनक लौट आएगी। तब तक परंपराओं का पालन करने वाले परिवारों को धैर्य और इंतजार करना होगा।

