दुनिया का सबसे बड़ा पुरातात्त्विक संग्रहालय खुला: गीज़ा के पास Grand Egyptian Museum बना मिस्र की नई पहचान

Grand Egyptian Museum का भव्य उद्घाटन — मिस्र की सांस्कृतिक विरासत को मिला नया रूप, दुनिया का सबसे बड़ा पुरातात्त्विक संग्रहालय अब जनता के लिए खुला

नई दिल्ली/टीम डिजिटल: अपनी प्राचीन सभ्यता, रहस्यमयी पिरामिडों और फराओ की कहानियों के लिए प्रसिद्ध मिस्र ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। गीज़ा के विश्वप्रसिद्ध पिरामिडों के पास स्थित ग्रैंड इजिप्शियन म्यूज़ियम (Grand Egyptian Museum – GEM) आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा पुरातात्त्विक संग्रहालय बताया जा रहा है।

उद्घाटन समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी के साथ कई देशों के प्रमुख नेता और अंतरराष्ट्रीय गणमान्य शामिल हुए।

पहली बार एक साथ — किंग तूतनखामेन के 5,000 से अधिक खजाने

म्यूज़ियम की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां राजा तूतनखामेन (King Tutankhamun) से जुड़ी 5,000 से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएं पहली बार एक ही स्थान पर प्रदर्शित की गई हैं। इनमें उनका प्रसिद्ध सोने का मुखौटा, आभूषण, हथियार, धार्मिक वस्तुएं और रथ शामिल हैं।

तूतनखामेन की कब्र लगभग 3,300 साल पुरानी है, और 20वीं सदी में इसकी खोज को विश्व की सबसे बड़ी पुरातात्त्विक घटनाओं में गिना जाता है। इससे जुड़ी “फेरो का शाप” की कहानियां आज भी दुनिया को रोमांचित करती हैं।

दो दशक की लंबी यात्रा—1 अरब डॉलर की परियोजना

ग्रैंड इजिप्शियन म्यूज़ियम का विचार वर्ष 2000 में प्रस्तुत किया गया था, जिसका उद्देश्य मिस्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक और सुव्यवस्थित रूप में दुनिया के सामने लाना था।

  • लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत
  • राजनीतिक उतार-चढ़ाव, आर्थिक संकट और कोविड-19 के बावजूद
  • 20+ वर्षों बाद 2025 में पूर्ण होकर जनता के लिए खोला गया

यह मिस्र के इतिहास की सबसे महंगी सांस्कृतिक परियोजनाओं में से एक है।

गीज़ा पिरामिडों के सामने बना स्थापत्य चमत्कार

म्यूज़ियम का स्थान अपने आप में ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक है—
यह गीज़ा के महान पिरामिडों के ठीक सामने स्थित है।
इसके डिजाइन में आधुनिक वास्तुकला और प्राचीन मिस्री शैली का अनोखा संगम दिखाई देता है।

मुख्य विशेषताएं:

  • कुल क्षेत्रफल: 5,00,000 वर्ग मीटर
  • 1,00,000 से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएं
  • मुख्य द्वार पर: रामेसेस द्वितीय की 30 फुट ऊंची मूर्ति
  • तूतनखामेन गैलरी — 5,000+ अवशेष एक ही जगह
  • 3D प्रोजेक्शन, VR और इंटरएक्टिव डिस्प्ले

यह अनुभव आगंतुकों को प्राचीन मिस्र की दुनिया में वास्तविक रूप से ले जाता है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विशाल फंडिंग

परियोजना में मिस्र सरकार के साथ जापान ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • JICA के माध्यम से जापान का 80 करोड़ डॉलर का ऋण
  • यूनेस्को सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सहयोग

यह परियोजना मिस्र की वैश्विक छवि को नई पहचान देती है।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई उड़ान

मिस्र पहले से विश्व के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में है।
GEM के खुलने से—

  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में भारी वृद्धि
  • मिस्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
  • सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान

की उम्मीद की जा रही है।

इतिहास का नया अध्याय

गीज़ा के भव्य पिरामिडों की पृष्ठभूमि में चमकता यह म्यूज़ियम इस संदेश को दोहराता है—

“इतिहास कभी पुराना नहीं होता, वह नए रूप में फिर जीवित हो उठता है।”

Edited By — Rishab Chawla

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