रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अपना पहला टाइटल जीत लिया। टीम ने मंगलवार को फाइनल में पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रन से हराया। मैच के बाद RCB के कप्तान ने फैंस के लिए कन्नड़ भाषा में ‘ई साला कप नमदू’ कहा, यानी इस साल कप हमारा हो गया। वहीं विराट कोहली ने कहा, दिल, आत्मा बैंगलोर के साथ हैं, अब मैं चैन से सो पाऊंगा।
यह पल विराट और सभी फैंस के लिए बहुत खास- रजत पाटीदार
ट्रॉफी जीतने के बाद RCB के कप्तान रजत पाटीदार ने कहा, यह पल मेरे, विराट और सभी फैंस के लिए बहुत खास है। इतने सालों से जो सपोर्ट कर रहे हैं, वे सभी इस जीत के हकदार हैं। क्वालिफायर के बाद हमें यकीन हो गया था कि हम ट्रॉफी जीत सकते हैं। इस पिच पर 190 का स्कोर अच्छा था, क्योंकि पिच थोड़ी धीमी थी।
गेंदबाजों ने जो प्लान बनाया था, उसे देखना शानदार रहा। क्रुणाल विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, जब भी विकेट चाहिए होता है, मैं उन्हीं की तरफ देखता हूं। सुयश और हमारे पेसर्स पूरे सीजन अच्छे रहे। शेफर्ड ने आज एक अहम विकेट लिया। मेरे लिए कप्तानी करना बड़ा मौका और सीखने का अनुभव रहा, और विराट भाई इसे (ट्रॉफी) ज्यादा डिजर्व करते हैं। मैं सभी फैंस से बस एक बात कहना चाहता हूं, ‘ई साला कप नमदू’ (इस साल कप हमारा हुआ)।
जीत के बाद विराट कोहली क्या बोले
यह जीत जितनी हमारी टीम के लिए है, उतनी ही हमारे फैंस के लिए भी है। पूरे 18 साल हो गए हैं। मैंने अपनी जवानी, अपना बेस्ट समय और अनुभव इस टीम को दे दिया। हर साल जीतने की कोशिश की, अपना सबकुछ झोंक दिया। अब जाकर ये ट्रॉफी मिली, यह एहसास शब्दों से परे है। मुझे नहीं लगा था कि ये दिन कभी आएगा। आखिरी गेंद के बाद मैं भावनाओं में बह गया। मैंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और आज जो महसूस हो रहा है, वह कमाल का है।
एबी डिविलियर्स ने जो काम इस फ्रेंचाइजी के लिए किया है, वो बेमिसाल है। मैंने उनसे भी कहा, ‘ये जीत जितनी हमारी है, उतनी ही आपकी भी है। आकर हमारे साथ जश्न मनाओ।’ रिटायर होने के 4 साल बाद भी वे टीम के लिए सबसे ज्यादा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनने वाले प्लेयर हैं, जो दिखाता है कि उन्होंने इस टीम, इस लीग और मेरी जिंदगी पर कितना असर डाला है। वे इस ट्रॉफी के साथ मंच पर होने के हकदार हैं।
अगर पूछा जाए कि ये मेरे करियर का कितना बड़ा पल है, तो ये सबसे ऊपर है। जैसा मैंने कहा, मैंने 18 साल इस टीम को दिए, हमेशा इसके साथ जुड़ा रहा, कभी नहीं छोड़ा। कई बार लगा कि कुछ और सोचूं, लेकिन मैंने इस टीम का साथ नहीं छोड़ा और इसने भी मेरा साथ दिया। हमेशा सपना देखा था कि इसी टीम के साथ जीतूं, इसलिए ये जीत किसी और टीम के साथ जीतने से कहीं ज्यादा खास है। मेरा दिल और आत्मा बैंगलोर के साथ हैं और जब तक IPL खेलूंगा, सिर्फ इसी टीम के लिए खेलूंगा। IPL एक बहुत ही हाई लेवल, हाई इंटेंसिटी टूर्नामेंट है। मैं हमेशा बड़ी ट्रॉफी जीतना चाहता था और यही एक अधूरी ट्रॉफी थी। आज रात मैं चैन से सो पाऊंगा। मुझे ये खेल खेलने का मौका ज्यादा समय तक नहीं मिलेगा। करियर का अंत एक दिन आना ही है, जब मैं रिटायर हो जाऊं, तो मैं खुद से बस यही कहना चाहूंगा कि मैंने सबकुछ दे दिया। मैं हमेशा सुधार की कोशिश करता हूं। मैं सिर्फ इम्पैक्ट प्लेयर बनकर नहीं खेल सकता, मुझे पूरे 20 ओवर फील्डिंग करनी होती है, टीम के लिए कुछ खास करना होता है।