लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु की हार के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों के इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है. इसको लेकर पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर से चर्चा में आ गई है.
इसी क्रम में पंजाब कांग्रेस के दो प्रदेश उपाध्यक्षों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. इसको पंजाब प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता है.
जानकारी के अनुसार, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह और फरीदकोट से पूर्व विधायक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. दोनों नेताओं ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेज दिया है.
वहीं कुशलदीप सिंह के मोबाइल नंबर पर उनके पद से इस्तीफे की पुष्टि के लिए कई बार संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. कुशलदीप सिंह के मोबाइल और व्हाट्सएप कॉल प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने कहा कि ढिल्लों साहब इस समय देश से बाहर हैं. इस्तीफे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
इसके बाद जब हमने कांग्रेस पार्टी के फरीदकोट जिला अध्यक्ष नवदीप सिंह बब्बू बराड़ से बात की तो उन्होंने कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों के इस्तीफे की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुशलदीप सिंह ढिल्लों द्वारा यह इस्तीफा सिर्फ प्रदेश उपाध्यक्ष पद से दिया गया है, वह पहले की तरह पार्टी में काम करते रहेंगे.
बताया जाता है कि दोनों कांग्रेस नेताओं ने यह कदम नेतृत्व की रणनीति और कार्यशैली से खिन्न होकर उठाया है. लुधियाना में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद अब इन दोनों नेताओं के इस्तीफे से संगठन की कमजोरी सामने आ गई है.
वहीं राजनीतिक विश्लेषको का मानना है कि इन नेताओं के इस्तीफे को पंजाब कांग्रेस में आने वाले समय में बड़े बदलाव का संकेत माना जा सकता है. हालांकि पार्टी नेतृत्व पर इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि संगठन में सुधार करने के साथ ही असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कोशिश तेज करे. फिलहाल अब कांग्रेस आलाकमान क्या रुख अपनाता है, इस पर सभी की निगाहें लगी हैं. कांग्रेस पार्टी में इस घटनाक्रम को बेहद गंभीर माना जा रहा है क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब संगठन के वरिष्ठ नेता खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.