पंजाब में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों में, विशेषकर माझा और दोआबा क्षेत्रों में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। होशियारपुर जिले में भारी बारिश के कारण सात लोगों की जान चली गई, जिनमें से चार की मौत घर की छत गिरने से और तीन की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हुई। इस दुखद घटना पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रभावित परिवारों को ₹4 लाख की तत्काल आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
पंजाब सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक बाढ़ के कारण 36 लोगों की मौत हो चुकी है। विभिन्न जिलों में हुई मौतों का विवरण इस प्रकार है:
- अमृतसर: 3
- बरनाला: 3
- बठिंडा: 1
- गुरदासपुर: 1
- होशियारपुर: 7
- लुधियाना: 3
- मानसा: 3
- पठानकोट: 6
- पटियाला: 1
- रोपड़: 3
- एस.ए.एस. नगर: 1
- संगरूर: 1
फिलहाल, पठानकोट जिले में तीन लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। पंजाब के कुल 12 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें अमृतसर, बरनाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, मानसा, मोगा, पठानकोट और एस.ए.एस. नगर शामिल हैं। इन बाढ़ प्रभावित जिलों के 1044 गांवों में व्यापक तबाही मची है।
बाढ़ ने खासकर अमृतसर (88 गांव), बरनाला (24 गांव), फाजिल्का (72 गांव), फिरोजपुर (76 गांव), गुरदासपुर (321 गांव), होशियारपुर (94 गांव), जालंधर (55 गांव), कपूरथला (115 गांव), मानसा (77 गांव), मोगा (39 गांव) और पठानकोट (82 गांव) के गांवों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
इसके अलावा, अब घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण मालवा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सुखना झील के फ्लड गेट तीसरी बार खोले गए हैं। चंडीगढ़ और शिवालिक पहाड़ियों में हो रही तेज बारिश के कारण घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच चुका है।
पटियाला जिले के घनौर विधानसभा क्षेत्र में स्थित गांव लाछड़ू कलां की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। नदी के कमजोर किनारों को मजबूत करने के लिए 300 से अधिक मिट्टी की बोरियां मौके पर भेजी गई हैं। इसी तरह, पंजाब-हरियाणा सीमा के पास स्थित रामनगर बैरियर के नजदीक घग्गर नदी का जलस्तर केवल तीन इंच नीचे है, जिससे दोनों राज्यों के क्षेत्रों में चिंता और दहशत का माहौल है।
प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि बाढ़ से होने वाली और अधिक तबाही को रोका जा सके।