हरियाणा को बड़ा झटका! चंडीगढ़ में अलग विधानसभा प्रस्ताव पर केंद्र ने लगाई ब्रेक
Punjabi Doordarshan | Updated: 01 Dec, 2025
चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा बनाने का मुद्दा अब पूरी तरह खत्म हो गया है। केंद्र सरकार ने हरियाणा के इस प्रस्ताव पर स्पष्ट इनकार करते हुए बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से कहा है कि इस विषय पर आगे कोई कदम न बढ़ाया जाए।
🇮🇳 केंद्र का दूसरा बड़ा फैसला—पंजाब के पक्ष में झुकाव दिखा
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब केंद्र ने हाल ही में चंडीगढ़ को स्वतंत्र यूनियन टेरिटरी घोषित करने वाला 131वां शोध बिल वापस लिया था।
राजनीतिक विशेषज्ञ इसे पंजाब के पक्ष में केंद्र का दूसरा बड़ा कदम मान रहे हैं।
पंजाब के पूर्व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी केंद्र के फैसले का स्वागत किया और कहा—
“चंडीगढ़ पंजाब का है… यहां किसी और का दावा नहीं माना जा सकता।”
प्रस्ताव की पूरी पृष्ठभूमि
- 2022 (जयपुर): नॉर्दर्न ज़ोनल काउंसिल बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा को नई विधानसभा के लिए जमीन देने का आश्वासन दिया।
- 2023: UT प्रशासन ने IT पार्क के पास 10 एकड़ भूमि चिन्हित भी कर ली थी, जिसकी कीमत करीब ₹640 करोड़ थी।
- हरियाणा ने बदले में पंचकूला में 12 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया।
- जनवरी 2024: UT प्रशासन ने सर्वे के बाद प्रस्ताव खारिज किया।
- जमीन को नीचा इलाका बताया गया
- बीच में नाला गुजरता है
- कनेक्टिविटी कमजोर
लंबी जांच-पड़ताल और चर्चा के बाद केंद्र ने साफ कर दिया कि मंत्रालय अब इस मामले में रुचि नहीं रखता और प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
पंजाब ने किया था खुला विरोध
जैसे ही हरियाणा का प्रस्ताव आगे बढ़ा था, पंजाब सरकार ने इसका जोरदार विरोध किया था।
AAP विधायक गुरलाल घनौर ने बयान दिया था—
“चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है, नई विधानसभा के निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।”

