पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि राज्य पर लगे नशे के कलंक को मिटाना उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हमें जो भी करना पड़े, करेंगे। नशे के खिलाफ युद्ध चल रहा है।”
सीएम मान ने कहा कि सरकार किसी को नहीं बख्शेगी, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता, अफसर या रसूखदार क्यों न हो। जिन्होंने पंजाब की जवानी को बर्बाद किया, उन्हें इसी जन्म में सजा मिलेगी।
यह बातें उन्होंने चंडीगढ़ में सरकारी स्कूलों से NEET पास करने वाले 435 छात्रों को सम्मानित करते हुए कहीं।
इस दौरान भगवंत मान ने पिछली सरकारों पर नाम लिए बिना तंज भी कसे और कहा कि पंजाब को बर्बादी की ओर ले जाने वालों से अब कोई नरमी नहीं होगी।
सीएम की स्पीच के 5 मुख्य प्वाइंट इस प्रकार हैं –
1. सीएम ने कहा कि हमारे यहां नेता की रिटायरमेंट की कोई उम्र तय नहीं है। वह खुद 94 साल के इलेक्शन लड़ लेते हैं। हमारे बच्चे 37 साल में ओवरएज मान लिए जाते हैं। लेकिन हमारी सरकार ने इस चीज को दूर किया है। उन्होंने युवाओं काे कहा कि हम आपकी हर संभव सहायता करेंगे। आप हमसे ईमेल या किसी माध्यम से सीधे संपर्क कर सकते हैं। कई बार नंबर बहुत आ जाते हैं। लेकिन छात्रों को उचित मार्ग दर्शन नहीं मिल पाता है। खासकर बेटियों के लिए मुश्किल हो जाता है। हम आपके के साथ खड़े होंगे।
2. सीएम ने कहा कि हमारे यहां लड़कियां टैलेंट में कम नहीं है। लेकिन पता नहीं टॉप करने वाली बाद में कहां चली जाती हैं। लेकिन हमारे यहां महिलाओं को अच्छे अवसर दिए जा रहे हैं। आज 7 जिलों की डीसी महिलाएं हैं। जबकि 8 महिलाओं के हाथ में डीसी की कमान है। पहले की सरकारें चाहती ही नहीं थी कि पंजाब से गरीबी दूर हो। पढ़ाई ही एक ऐसा हथियार है, जिससे यह चीज दूर हो सकती है।
3. सीएम ने कहा कि पंजाब बहुत बार गिरा है तो बहुत बार उठा है। देश की आजादी की लड़ाई हो या फिर दुश्मनों से मुकाबला करना हो। पंजाब हमेशा आगे रहा है। सरकार अपने युवाओं को लेकर गंभीर है। सरकार अब तक 55 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दे चुकी है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
4. पंजाब सरकार द्वारा युवाओं के लिए कई तरह के अवसर लेकर आ रही है। सरकार की तरफ से सभी जिलों में हाईटेक लाइब्रेरियां व अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं, अब सरकार की कोशिश ही है कि लाइब्रेरियों में सिलेबस की किताबें भी मुहैया करवाई जाए। ताकि लो युवा या बच्चे घर में उचित माहौल में पढ़ाई नहीं कर पाते है। उन्हें भी पढ़ाई के अवसर मिल पाए।
5. सीएम ने कहा कि आने वाले समय में जनगणना होनी है। वह अपने टीचरों को इस काम में नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि वह एमए,एमएड समेत पढ़े लिखे युवा दे सकते है। मैं टीचर नहीं दे सकता है। मैं टीचर का बेटा हूं। ऐसा में सारी चीजों समझता हूं। वहीं, उन्होंने पुरानी सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना में टीचरों की ड्यूटी बॉर्डर पर लगा दी। कोई भी काम शिक्षकों की ड्यूटी लगा देते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।