Delhi के व्यापारियों के लिए गुड न्यूज, CM रेखा गुप्ता ने लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली। व्यापारियों के लिए सात तरह के लाइसेंस में पुलिस की एनओसी की अनिवार्यता समाप्त करने के बाद अब दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने व्यापारियों के हित में एक और बड़ा फैसला ले लिया है। सरकार ने व्यापारियों की बहुत पुरानी मांग पर कार्रवाई करते हुए ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड गठित करने निर्णय लिया है।

उद्योगमंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उपस्थित में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। सीएम ने कहा कि इसे मंगलवार को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है। कहा कि दिल्ली के कारोबारी इसकी लंबे समय से मांग कर रहे थे और अभी तक व्यापारियों की समस्याओं को सुनने के लिए कोई मंच नहीं था।

बताया गया कि 15 सदस्यीय बोर्ड के चेयरमैन उद्योग मंत्री होंगे और इसमें उपाध्यक्ष सहित नौ सदस्य व्यापारी वर्ग के होंगे। सीएम ने कहा कि बोर्ड के गठन से राजधानी के करीब आठ लाख से अधिक जीएसटी पंजीकृत (रजिस्टर्ड) कारोबारियों को मदद मिलेगी। यह बोर्ड सामाजिक सुरक्षा से लेकर व्यापारियों के स्किल डेवलेपमेंट में सहायक होगा।

कहा कि हमारी सरकार का विश्वास है कि बोर्ड व्यापारियों की ‘लाइफ-लाइन’ बनकर उनके रोजगार और निवेश के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेगा। कहा कि बोर्ड में छह सदस्य सरकार के विभिन्न विभागों जैसे दिल्ली नगर निगम, श्रम विभाग, उद्योग विभाग आदि के अधिकारी होंगे। कहा कि बोर्ड में नौ सदस्य व्यापारिक समुदाय से होने से इसका लाभ यह रहेगा कि यह बोर्ड सरकार व व्यापारियों के बीच में सामंजस्य स्थापित करेगा ताकि व्यापारियों की समस्याओं को प्रभावी तरीके से सुलझाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार ने लाखों व्यापारियों के हित में एक महत्वपूर्ण व मजबूत कदम उठाया है। राजधानी के व्यापारी समुदाय को सशक्त बनाने, उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने तथा उनके व्यापार को अधिक सुविधा-संपन्न बनाने के लिए इस बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है। कहा कि यह वैधानिक बोर्ड सरकार व व्यापारियों के बीच सेतु (पुल) का काम करेगा, साथ ही ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ की धारणा को और मजबूत बनाएगा। बोर्ड व्यापारियों से जुड़े मुद्दे और प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देगा व उनके आर्थिक हितों के लिए कल्याण कोष का संचालन भी करेगा।

बोर्ड में अधिकारियों के अलावा व्यापारी प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के कारोबारी अब अकेले नहीं हैं। उनकी सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है। कहा कि यह बोर्ड एक संस्था नहीं बल्कि सरकार का अपने व्यापारियों पर भरोसा है।

उद्योग मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य व्यापार से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, व्यपारियों को हर संभव सहयोग देना और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि अब व्यापारी समुदाय को लाइसेंस नवीनीकरण, टैक्स अनुपालन या कौशल विकास और योजनाओं के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

यह बोर्ड सुनिश्चित करेगा कि शासन और सुविधाएं सीधे कारोबारियों तक पहुंचे। बाक्स बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपये की प्रारंभिक ग्रांट मुख्यमंत्री ने बताया कि बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपये की प्रारंभिक ग्रांट के साथ एक वार्षिक व्यापारी कल्याण कोष की स्थापना की जाएगी, जिसमें हर वर्ष अतिरिक्त धनराशि जोड़ी जाएगी। यह कोष व्यापारियों के कल्याण की विभिन्न योजनाओं, कौशल विकास, मेंटरशिप कार्यक्रमों और अन्य सहायक पहलों को समर्थन देगा।

मुख्यमंत्री के अनुसार यह बोर्ड केवल नीतिगत योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्राकृतिक आपदा, आग, बाढ़, जैसी आपात स्थितियों में व्यापारियों को राहत और मुआवजे पर विचार करेगा। इसके माध्यम से सरकार को व्यापारिक क्षेत्र के अनुभवी लोगों की सलाह और सहयोग समय पर प्राप्त होगा, जिससे नीतियों को अधिक व्यावहारिक और लाभकारी रूप में लागू किया जा सकेगा।

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