पंजाब डेस्क: रविवार सुबह पंजाब के कई जिलों में अखबारों की डिलीवरी अचानक रुक गई, जिससे आम पाठकों और हॉकरों में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने सुबह-सुबह समाचार पत्र ले जाने वाली वैनों की सख़्त चैकिंग की, जिसके चलते अखबारों के वितरण में घंटों की देरी हुई।
लुधियाना, होशियारपुर, अमृतसर, फरीदकोट, मुक्तसर और अहमदगढ़ सहित कई जगहों से मिली रिपोर्टों में बताया गया है कि रविवार सुबह अखबार समय पर नहीं पहुंचे। अहमदगढ़ में लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा — “अखबार क्यों नहीं आया?” कई लोगों ने नाराज़गी जताई कि सुबह 9 बजे तक किसी भी अखबार की डिलीवरी नहीं हुई।
चैकिंग से रुकी सप्लाई — पुलिस ने दी सफाई
स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि पुलिस की यह कार्रवाई स्मगलिंग रोकने के मकसद से की गई थी।
उन्होंने कहा,
“हमें इनपुट मिला था कि कुछ अखबारों की गाड़ियों का इस्तेमाल ड्रग्स या हथियारों की तस्करी के लिए किया जा सकता है। अखबारों की डिलीवरी रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई है। गाड़ियों और ड्राइवरों को पूरी तरह जांच के बाद छोड़ दिया गया।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी बताया कि चैकिंग प्रक्रिया के दौरान कई अन्य अखबारों की गाड़ियां भी प्रभावित हुईं, लेकिन बाद में सभी को जाने दिया गया।
विपक्ष का आरोप — “प्रेस की आज़ादी पर हमला”
इस घटना पर विपक्ष ने सरकार को घेरा।
कांग्रेस सचिव परगट सिंह ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार ने जानबूझकर अखबारों की डिलीवरी रोक दी ताकि “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब के सरकारी मकान नंबर 50 में ठहरने” की खबरें जनता तक न पहुंच सकें।
उन्होंने लिखा —
“यह एडमिनिस्ट्रेशन नहीं, पंजाब में लगाई जा रही एक साइलेंट इमरजेंसी है। प्रेस की आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है। पंजाब इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”
‘रविवार खराब हुआ’: पाठकों की शिकायतें
लुधियाना में क्लॉक टावर के पास सुबह 4 बजे जब अखबारों की गाड़ियां एजेंसी पहुंचीं, तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया और थाने ले गई।
द ट्रिब्यून और अजीत अखबार की गाड़ियों को सुबह 5:15 बजे छोड़ा गया, जबकि जागरण, भास्कर और पंजाब केसरी की वैनें करीब 7:15 बजे तक रुकी रहीं।
हॉकर इमरान मोहम्मद ने बताया कि अखबार की सप्लाई अहमदगढ़ में रोजाना की तुलना में लगभग चार घंटे देरी से, सुबह 8:30 बजे पहुंची।
उन्होंने कहा —
“सुबह से ही कस्टमर्स के फोन आ रहे थे कि अखबार क्यों नहीं आया। लोगों का संडे पूरा खराब हो गया।”
सरहिंद और फतेहगढ़ साहिब में भी यही हाल रहा। एक एजेंट ने बताया कि द ट्रिब्यून के अखबार रोज सुबह 4 बजे तक पहुंच जाते थे, लेकिन इस बार 5:40 बजे आए, जबकि पंजाब केसरी के अखबार 7:30 बजे तक नहीं पहुंचे। बताया गया कि पंजाब केसरी की वैन को साहनेवाल पुलिस ने रोककर थाने ले गई थी।
पंजाब में पहली बार ऐसा माहौल
स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि आतंकवाद के दौर के बाद यह पहला मौका है, जब राज्य में अखबारों के सर्कुलेशन पर इतना असर पड़ा है। कई जिलों में सोमवार तक भी कुछ इलाकों में डिलीवरी सामान्य नहीं हो पाई थी।

