लुधियाना (सिधवां बेट): पंजाब पुलिस की छवि को झटका देने वाला एक बड़ा घोटाला सिधवां बेट थाने से सामने आया है, जहां मालखाना मुंशी गुरदास सिंह पर करोड़ों रुपये की ड्रग मनी, सरकारी फंड और अन्य जब्त सामान गबन करने के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस ने मुंशी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस जांच के अनुसार, चूरापोस्त के एक बड़े केस में बरामद 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी मालखाने से गायब हो गई थी। शुरुआती पूछताछ में मुंशी गुरदास सिंह ने स्वीकार किया कि उसने यह रकम जुए में हार दी। मामला तब सामने आया जब 11 नवंबर को अदालत में सुनवाई के दौरान वह केस से जुड़ा रिकॉर्ड पेश नहीं कर सका। संदेह होने पर पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें उसने पूरी वारदात कबूल कर ली।
सेवानिवृत्ति से 20 दिन पहले खुला मामला
यह खुलासा मुंशी की रिटायरमेंट से ठीक 20 दिन पहले हुआ। जांच में सामने आया कि वह अदालत द्वारा सील की गई रकम को चालाकी से निकाल लेता था—सील को पिघलाकर पैसे निकालना और फिर दोबारा सील कर देना उसकी सामान्य प्रक्रिया बन चुकी थी। यह हेराफेरी कई महीनों तक चलती रही।
जांच कमेटी गठित
जिला पुलिस प्रमुख डॉ. अंकुर गुप्ता के निर्देश पर एस.पी. रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में 3 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी:
- मालखाने से जुड़े सभी केस रिकॉर्ड,
- जब्त की गई वस्तुओं,
- और जमा रकम की विस्तृत जांच करेगी,
ताकि सरकारी अमानत में हुई गड़बड़ियों की पूरी सीमा का पता लगाया जा सके।
2023 के बड़े नशा तस्करी केस से जुड़ा था पैसा
2023 में सीआईए स्टाफ ने एक बड़े नशा तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो पुलिस वर्दी पहनकर और गाड़ियों की नंबर प्लेट बदलकर नशा तस्करी करते थे। गिरोह से बरामद हुआ था:
- 270 बैग चूरा पोस्त,
- पुलिस की 5 वर्दियां,
- 2 पिस्तौल और कारतूस,
- 14 नकली नंबर प्लेट,
- और 1.25 करोड़ रुपये की ड्रग मनी।
यही रकम सिधवां बेट थाने के मालखाने में रखी गई थी, जिसे मुंशी धीरे-धीरे निकालकर जुए में हारता गया।
आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि गबन की गई कुल रकम कितनी है और इसमें और कौन-कौन शामिल था।

