चंडीगढ़, 26 सितंबर 2025 – भारतीय वायुसेना का गौरव और दुश्मनों के लिए खौफ का प्रतीक रहा मिग-21 लड़ाकू विमान आज इतिहास बन गया। शुक्रवार को चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से मिग-21 ने अपनी आखिरी उड़ान भरी और भारतीय वायुसेना ने इस ऐतिहासिक क्षण को गर्व और भावुकता के साथ अलविदा कहा।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे और उन्होंने मिग-21 की अंतिम उड़ान को साक्षी बनकर देखा। जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, उसकी गड़गड़ाहट ने पूरे शहर को रोमांचित कर दिया।
चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर भव्य विदाई समारोह
मिग-21 के अंतिम ऑपरेशनल दिन से पहले बुधवार को फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया। इस दौरान विमान को वॉटर कैनन सलामी दी गई। साथ ही सूर्या किरण एरोबेटिक टीम और आकाश गंगा स्काईडाइवर्स ने आसमान में अद्भुत करतब दिखाकर माहौल को यादगार बना दिया।
आकाश गंगा टीम के स्काई डाइवर्स ने 8,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई, जिसने सभी दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मिग-21 की गर्जना ने हवा में उसके 60 सालों की गौरवगाथा को जीवंत कर दिया।
23 और 28 स्क्वाड्रन के अधिकारी बने गवाह
मिग-21 की अंतिम उड़ान राजस्थान के सूरतगढ़ स्थित नंबर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) के कमांडिंग अफसर ने भरी। यह स्क्वाड्रन 1956 में गठित हुई थी और 1978 से मिग-21 का संचालन कर रही थी। इस ऐतिहासिक मौके पर आदमपुर की 28 नंबर स्क्वाड्रन के अधिकारी भी मौजूद रहे, क्योंकि 1987 तक यह स्क्वाड्रन भी मिग-21 का हिस्सा रही है।
फॉर्म-700 होगा मिग-21 की अंतिम दस्तावेजी गाथा
अंतिम उड़ान के बाद पायलट द्वारा फॉर्म-700 में तकनीकी रिपोर्ट और उड़ान अनुभव दर्ज किया जाएगा। यह रिपोर्ट स्क्वाड्रन कमांडिंग अफसर के माध्यम से वायुसेना प्रमुख को सौंपी जाएगी। यह दस्तावेज मिग-21 के गौरवशाली इतिहास की आखिरी आधिकारिक गाथा के रूप में संग्रहित किया जाएगा।
भारतीय वायुसेना में मिग-21 की ऐतिहासिक भूमिका
1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ मिग-21 कई महत्वपूर्ण युद्धों का हिस्सा रहा, जिनमें 1971 का भारत-पाक युद्ध और कारगिल युद्ध शामिल हैं। तेज रफ्तार और आक्रामक क्षमताओं के कारण इस सोवियत निर्मित जेट ने दशकों तक दुश्मनों में खौफ बनाए रखा।
आज जब मिग-21 अपनी अंतिम उड़ान के साथ विदा हो गया, तब एक स्वर्णिम युग का समापन हुआ। हालांकि यह विमान अब आसमान में नहीं दिखेगा, लेकिन इसका शौर्य और विरासत हमेशा भारतीय वायुसेना और देशवासियों के दिलों में जीवित रहेगा।